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20% मौतों का कारण है गलत डाइट, भोजन में शामिल करें 7 रंग और 6 स्वाद

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 15 May, 2020 09:57 AM
20% मौतों का कारण है गलत डाइट, भोजन में शामिल करें 7 रंग और 6 स्वाद

सेहतमंद और तंदुरुस्‍त रहने के लिए लोग अपने स्वस्थ खान-पान और अच्छी आदतें अपनाते हैं। मगर बदलती लाइफस्टाइल के साथ लोगों का खान-पान भी बदल चुका है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत डाइट धूम्रपान से भी ज्यादा खतरनाक है। जी हां, हाल ही में हुए शोध के मुताबिक, आज के समय में लोग किसी ना किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो उसका कारण सिर्फ गलत डाइट है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग जंक फूड से बचें और प्लांट बेस्ट आहार को अपनी डायट का हिस्सा बनाएं। 

 

खराब आहार के कारण होती हैं 20% मौतें 

स्टडी 2017 के आंकड़े के मुताबिक, गलत डाइट के चलते दुनियाभर में हर साल लगभग 20% लोग मौत की मुंह में चले जाते हैं। ऐसा देखा गया है कि तनावपूर्ण वातावरण लोगों को चटपटा, मसालेदार और जंक फूड आदि खाने के लिए प्रेरित करता है। इससे लोग ज्यादा कैलोरी इनटेक कर लेते हैं, जो मोटापे के साथ-साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी न्यौता देता है। स्वस्थ रहने के लिए स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों का सही संतुलन होना बहुत जरूरी है।

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खाने में 7 रंग और 6 स्वाद को जरूर करें शामिल

एचसीएफआई के अध्यक्ष का कहना है कि, प्राचीन समय में लोग कई तरह के भोजन खाते थे, जिसके चलते उस समय के लोग ज्यादा स्वस्थ और रोगमुक्त होते थे। भोजन में 7 रंग- लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी, सफेद और 6 स्वाद- मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, चटपटा और कसैला वाला भोजन शामिल करना जरूरी है।

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हफ्ते में 1 जरूरी है उपवास

स्वस्थ रहने के लिए हफ्ते में कम से कम 1 दिन उपवास करना भी जरूरी है। हालांकि इसका मतलब कुछ भी नहीं खाना नहीं है बल्कि कुछ चीजों को छोड़ना है। व्रत के दौरान आप हल्का-फुल्का खा सकते हैं।

अच्छी तरह चबाएं भोजन

व्यक्ति के कुछ भी खाने के 20 मिनट बाद मस्तिष्क को यह संकेत मिलता है। ऐसे में जरूरी है कि भोजन करते समय आप हर कौर (Bite) को कम से कम 15 बार तो जरूर चबाएं। यह न केवल एंजाइमों के लिए पर्याप्त हॉर्मोन देता है बल्कि ये मस्तिष्क को संकेत भी भेजता है। भोजन करने के लिए कम से कम 20 मिनट का समय जरूर लगाएं। 

पेट नहीं, आकार को भरना है जरूरी

स्वाद कलिकाएं यानी टेस्ट बेड्स केवल जीभ के सिरे और किनारे पर होती हैं। ऐसे में अगर आप भोजन निगल या जल्दी-जल्दी खाते हैं तो इससे मस्तिष्क को संदेश नहीं मिल पाता। मस्तिष्क को संकेत तभी मिलता है जब पेट 100 प्रतिशत भरा हो। पेट की फुलनेस का आकार तय करता है कि कोई कितना खा सकता है। ऐसे में आपको पेट भरने की बजाए उसके आकार को भरना चाहिए। साथ ही अगर आप कम खाते हैं तो इससे पेट का आकार सिकुड़ जाएगा।

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भोजन के बाद तुरंत बाद पानी पीना भी गलत

भोजन के ठीक बाद पानी बिलकुल नहीं पीना चाहिए।आयुर्वेद में खाना खाने के बाद पानी पीना जहर माना जाता है। दरअसल, तुरंत पानी पीने से खाना ठीक से नहीं पचता, जिससे आपको एसिडिटी, पेट में सूजन और पेट से संबधित अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए एक्सपर्ट के मुताबित खाना खाने के 45 मिनट बाद ही पानी का सेवन कीजिए। वैसे अगर आपके गले में खाना अटक रहा है तो आप एक-दो घूंट पी सकते हैं।

भोजन के बाद जरूरी है 20 मिनट की सैर

रिसर्च में साबित हो चुका है कि रात के खाने के बाद 20 मिनट की सैर से ना सिर्फ वजन कंट्रोल में रहता है बल्कि इससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। रात के समय चलना दिन की 45 मिनट की एक्सरसाइज या सैर से भी ज्यादा फायदेमंद है। खाने खाने के करीब 15 मिनट की देरी के बाद टहलना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि खाने के तुरंत बाद टहलने से पेट में पाचन की प्रारंभिक क्रिया में देरी हो जाती है। साथ ही खाने के बाद आपको लंबी दूरी के लिए नहीं चलना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा 500 मीटर तक चलें।

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खाने में इन बातों का रखें ध्यान

-कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर अपने भोजन का आनंद लें। 
-अपनी थाली को फल और सब्जियों से भरें। 
-आहार में अनाज का कम से कम आधा भाग साबुत अनाज होना चाहिए। 
-ट्रांस फैट और चीनी की अधिकता वाले भोजन से बचें। 
-स्वस्थ वसा चुनें। वसा रहित या कम वसा वाले दूध और डेयरी उत्पादों का उपयोग करें। 
-खूब पानी पिएं। शर्करा युक्त पेय से बचें। 
-सोडियम युक्त आहार जैसे स्नैक्स और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से बचे।

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