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World Polio Day 2021: क्या है पोलियो? जानिए इसके लक्षण व बचाव के तरीके

  • Edited By neetu,
  • Updated: 23 Oct, 2021 01:59 PM
World Polio Day 2021: क्या है पोलियो? जानिए इसके लक्षण व बचाव के तरीके

पाेलियाे या पाेलियाेमेलाइटिस छोटे बच्चों को होने वाली लाइलाज बीमारी है। असल में, उनके शरीर में पोलियो वायरस के विरूद्ध प्रतिराेधक क्षमता ना होने पर यह बच्चों को तेजी से प्रभावित करता है। यह वायरस तेजी से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में फैलता है। इससे बच्चे का शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे में वे अपने हाथ-पैर चलाने में असमर्थ हो जाता है। वैसे तो इसका बीमारी का कोई इलाज नहीं है। मगर बचाव करके बच्चों को इसकी चपेट में आने से रोका जा सकता है। वहीं दुनिया को पोलियो मुक्त करवाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन न कई कदम उठाए। इसी के साथ दुनियाभर में लोगों को इस गंभीर संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 24 अक्तूबर कर 'World Polio Day' यानि 'विश्व पोलियो दिवस' मनाया जाता है। ऐसे में इस खास मौके पर आप आपको पोलिय व इस दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं...

सबसे पहले जानते हैं पोलियों के बारे में

पाेलियाे या पाेलियाेमेलाइटिस छोटे बच्चों में होने वाला एक संक्रामक रोग है। बच्चे पाेलियाे विषाणु के कारण इसकी चपेट में आ जाते हैं। इससे बच्चे के शरीर का कोई भी अंग कमजोर हो जाता है। इससे बच्चे का विकलांग होने का खतरा अधिक रहता है। इसके साथ ही यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला एक गंभीर वायरस है, जो तेजी से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर असर दिखाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है। मगर पहले ही बच्चे को पोलियो का टीका लगा देने या बचाव करके उन्हें पोलियो होने से रोका जा सकता है।

पाेलियाे के लक्षण

. गले में खराश महसूस होना
. बदन दर्द होना
. बुखार होना
. सिरदर्द, मिलती की समस्या होना
. थकान महसूस होना
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पाेलियाे के गंभीर लक्षण

. हाथाें-पैराें में सुई चुभने जैसा तेज एहसास होना
. चलने में परेशानी होना
. हाथों को हिलाने-ढुलाने में भी परेशानी महसूस होना
. दिमाग और रीढ़ की हड्डी में संक्रमण होना

पोलियो का इलाज

एक्सपर्ट अनुसार,पोलियो का कोई इलाज नहीं हैं। मगर बचाव करके इस संक्रमण से बच्चों को बचाया जा सकता है। इसका बचाव दो तरीकों से किया जा सकता है।

. पहला- 5 साल से कम आयु वाले बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाकर
. दूसरा- पोलियो का टीका लगाकर

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पोलियो से ऐसे करें बचाव

. छोटे बच्चों को सही समय पर टिके लगवाएं।
. बच्चों को IVP के अनुसार चार खुराक भी दिए जाते हैं।

विश्व पाेलियाे दिवस का इतिहास

इस दिन को हर साल 24 अक्तूबर को मनाया जाता है। इस दिन अमेरिकी वायराेलॉजिस्ट डॉक्टर जाेनास साल्क का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि जब दुनियाभर में पोलियो की बीमारी लोगों को लिए एक चुनौती की तरह बन गई थी जब डॉक्टर जाेनास ने ही इस बीमारी से लड़ने के लिए लोगों हथियार दिया था। असल में, दुनिया का पहला प्रभावी पाेलियाे वैक्सीन बनाने में डॉक्टर जोनास का बहुत बड़ा हाथ है। इन्होंने ही सन 1955 में पाेलियाे से बचाव की दवा काे दुनिया के सामने पेश किया था। ऐसे में उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य पर वर्ल्ड पोलियो डे मनाया जाता है।

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पाेलियाे से बचने के लिए 2 टीके

बता दें, दुनियाभर को पोलियों से बचाने के लिए 3 तरह की वैक्सीन तैयार की गई है। इसका पहली वैक्सीन साल 1955 में आया था, जो डॉक्टर जोनास की मदद से बना था। इसका दूसरा टीका 1962 में आया था।

पाेलियाे से मुक्त हाे चुका भारत

आज विश्व स्वास्थ्य संगठन की काेशिशाें और कई देशाें में टीकाकरण अभियान करवाने के बाद विश्व का पोलियो से बचाव किया गया। इसके साथ ही हर साल 5 साल या इससे कम के बच्चों को पोलियो ड्रॉप भी पिलाई जाती है। बात भारत देश की करें तो यह बीते 7-8 सालों से पोलियो से मुक्त हो चुका है। मगर फिर भी कुछ देशों में इसके थोड़े से केस आते रहते हैं।

 

 

 

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