मां बनना एक खूबसूरत अहसास है। वहीं यह अपने साथ कई जिम्मेदारियां भी लेकर आता है। नवजात का का सही से पालन करना व उसकी जरूरतों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। वहीं जन्म के बाद 6 महीने तक मां का दूध ही शिशु का पहला और संपूर्ण आहार माना जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, मां का दूध पीने वाले बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास स्तनपान न करने वाले शिशु की तुलना में अधिक होता है। साथ ही उसकी इम्यूनिटी स्ट्रांग रहने से बीमारियों से बचाव रहता है। दूसरी ओर मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि स्तनपान से शिशु और मां के बीच भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है।
मगर आजकल कई महिलाएं बाहरी बेबी प्रोडक्ट्स आने से शिशु को स्तनपान नहीं करवाती है। मगर इससे शिशु का विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में मांओं को स्तनपान करवाने के प्रति जागरूक इसके लिए हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में 'World Breastfeeding Week' यानि 'विश्व स्तनपान सप्ताह' मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको अगर आप भी पहली बार व नई मां बनी है तो बच्चे को स्तनपान करवाने के फायदे...
बच्चे का दिमाग तेज
मां के दूध में प्राकृतिक तौर पर डीएचएचए नाम का तत्व होता है जो शिशु का दिमाग तेज करने में मदद करता है। इससे शिशु का दिमाग बेहतर तरीके से विकास करता है। साथ ही वह भावनात्मक तौर पर सुरक्षा का एहसास करता है।
इम्यूनिटी होगी तेज
शिशु के लिए मां के दूध संपूर्ण आहार माना जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसमें वे सभी पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी माने जाते हैं। मां का दूध पीने से शिशु के शरीर में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म जीव नष्ट होते हैं। साथ ही ये ऐसे सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाते हैं जो शिशु को सर्दी-जुकाम आदि बीमारियों की चपेट में आने से बचाते हैं। हम यूं कह सकते हैं कि बच्चे के लिए मां का दूध सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, मां के स्तन से पहली बार निकलने वाला गाढ़ा पीले रंग का दूध शिशु को संक्रमण से बचाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
दांत और जबड़े को मजबूती दिलाए
दूध पीने की प्रक्रिया में शिशु का मंह भी ठीक तरीके से विकास करता है। इससे बच्चे के दांत निकलने में मदद मिलती है। स्तनपान करने से शिशु का जबड़ा भी मजबूत होता है। ऐसे में आगे चलकर उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।
शिशु का मोटापे से बचाए
मां का दूध पीने से शिशु का पेट अच्छे से भर जाता है। ऐसे में वह अतिरिक्त दूध नहीं पीता है, जिससे उसका वजन बढ़ने की कोई परेशानी नहीं रहती है। दूसरी ओर बोतल से दूध पीने पर बच्चे अक्सर जरूरत से ज्यादा दूध पी लेते हैं जिसके कारण उनका वजन बढ़ने लगता है।
गंभीर बीमारियों से बचाव
रिसर्च के अनुसार, मां का दूध शिशु के लिए बेस्ट माना जाता है। इसमें सभी जरूरी तत्व होने से बच्चे का बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है। इसेक साथ ही शिशु का डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड कैंसर आदि गंभीर समस्याओं की चपेट में आने का खतरा कई गुण कम रहता है।
एलर्जी से सुरक्षित
अन्य प्रकार के दूध या आहार से बच्चे को किसी भी तरह की एलर्जी हो सकती है। मगर मां का दूध बच्चे के लिए पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। मां का दूध पूरी तरह के नेचुरल होने से बच्चे के लिए फायदेमंद और संपूर्ण आहार माना जाता है। साथ ही यह शिशु को एलर्जी होने से सुरक्षित रखता है। हां, मां के खानपान में बदलाव से दूध में गंध या इसका रंग बदल सकता है। मगर इससे शिशु के एलर्जी होने का कोई खतरा नहीं होता है।