देश भर की महिलाओं में किडनी संबंधित बीमारीयां तेजी से बढ़ रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि पुरुषों की तुलना किडनी संबंधित समस्याएं महिलाओं को ज्यादा हो रही हैं। मेडिकल साइंस में क्रॉनिक किजनी डिजीज के नाम से जाने वाले रोग का मतलब है किडनी का काम करना बंद कर देना। हर साल लाखों महिलाओं की इससे मौत हो रही है। डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार 30 -35 से ज्यादा उम्र वालों को किडनी रोग का ज्यादा खतरा होता है। ज्यादातर खराब जीवनशैली और खान-पान के चलते ही लगातार किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है।
महिलाओं में किडनी खराब होने के प्रमुख कारण
कई सारी वजहें किडनी को खराब करने का काम करती हैं...
खराब खान-पान और लाइफस्टाइल
दर्दनिवारक दवाओं को नियमित सेवन
डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर
लंबे समय तक किसी बीमारी से पीड़ित होना
पेशाब को देर तक रोक कर रखना
मोटापा
ज्यादा नमक का सेवन करना
शरब का सेवन
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
किडनी फेल होना दुनियाभर में महिलाओं की मौत का आठवां बड़ा कारण है। आइए डालते हैं किडनी डिजीज के प्रमुख संकेतों पर नजर-
भूख में कमी आना
लगातार थकान, कमजोरी महसूस करना
मतली और उल्टी जैसा महसूस होना
मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, खिंचाव महसूस होना
रात में बार-बार पेशाब लगना
वजन कम होना
सूजे हुए पैर
सांस लेने में परेशानी महसूस करना
पेशाब में खून आना
नींद न आना
त्वचा में खुजली होना, ड्राइनेस
ध्यान लगाने में कमी
आंखों के आसपास सूजन
समय रहते करवा लें जांच
अगर आपको भी इनमें से कोई भी लक्षण हो तो डॉक्टर से तुंरत संपर्क करें। नियमित रुप से जांच करने से रोग के शुरुआती स्टेज में ही इसका पता चल जाता है और दवा से इसे ठीक करना ज्यादा आसान हो जाता है, लेकिन यदि समय रहते इसके बारे में पता ना चले तो आपको डायलिसिस की प्रकिया से गुजरना पड़ सकता है या फिर किडनी को ही बदलना पड़ सकता है। ये एक बहुत ही लंबा, खर्चीला और साथ ही बहुत कष्ट देने वाला काम है, इसलिए बेहतर है कि आप सतर्क रहें।
केएफटी टेस्ट है जरुरी
यही वजह है कि उन्हें यूरीन टेस्ट के साथ केएफटी जैसे सरल परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। ये सस्ता होने के साथ ही सुविधाजनक भी है।