
नारी डेस्क: मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में सोमवार को एक ऐसा हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला, जिसे देखकर राहगीर हैरान रह गए। एक महिला चलती हुई कार की बोनट पर लटक रही थी और उसका पति कार चला रहा था। जैसे ही लोगों ने यह नज़ारा देखा, उन्होंने कार रुकवाई और फिर जो हुआ, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस महिला का नाम ईशु है और उसके पति का नाम दिनेश। दोनों की 4 महीने पहले अरेंज मैरिज हुई थी। शादी के कुछ ही समय बाद से इनके बीच विवाद शुरू हो गया था। दोनों एक-दूसरे पर अवैध संबंध (मैरिटल अफेयर) के आरोप लगा रहे हैं।
कार की बोनट पर कूद गई पत्नी
सोमवार को दिनेश किसी काम से कचहरी (कोर्ट) गया था। उसकी पत्नी ईशु को इसकी जानकारी मिल गई और वह भी वहां पहुंच गई। जब दिनेश कोर्ट से निकलकर कार में बैठा और अंबेडकर चौराहे तक पहुंचा, तभी उसकी पत्नी अचानक कार की बोनट पर कूद गई। इसके बावजूद दिनेश ने कार नहीं रोकी, जिससे महिला के पैर ज़मीन से घिसटते रहे।
राहगीरों ने रुकवाई कार, महिला ने पति की कर दी धुनाई
चलती कार की बोनट पर लटकी महिला को देखकर वहां मौजूद लोगों ने तुरंत कार रुकवाई। जैसे ही कार रुकी, महिला गुस्से में आ गई और पति को बीच सड़क पर पीटना शुरू कर दिया। लोग भी महिला का समर्थन करने लगे और दिनेश को फटकारने लगे कि वो उसे जान से मारना चाहता था क्या। यह पूरी घटना मेरठ विकास प्राधिकरण के ऑफिस के सामने हुई, जहां से कुछ ही दूरी पर महिला थाना भी स्थित है। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को बुला लिया और पति-पत्नी को पुलिस के हवाले कर दिया।
पत्नी ईशु का आरोप
उसका कहना है कि दिनेश का चरित्र ठीक नहीं है। उसने शादी के बाद अपने ही भाई से रेप करवाने की कोशिश की। इसकी शिकायत उसने पहले भी पुलिस से की थी। दिनेश ने बताया कि उसकी पत्नी का किसी और से प्रेम-प्रसंग चल रहा है। इसी बात को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता है।
पुलिस ने क्या कहा?
दोनों पक्षों ने सिविल लाइन थाने में अपनी-अपनी तहरीर दी है। सीओ सिविल लाइन ने बताया कि यह पति-पत्नी का आपसी मामला है। पहले भी इनके बीच विवाद हो चुका है। पूरे मामले की जांच की जा रही है और पूर्व की शिकायतों को भी खंगाला जाएगा।
मेरठ की यह घटना न सिर्फ सड़क पर तमाशा बन गई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। इस तरह के पारिवारिक विवाद जब सार्वजनिक जगहों पर पहुंचते हैं, तो वो केवल दो लोगों की लड़ाई नहीं रह जाते बल्कि समाज के सामने एक गंभीर सवाल बन जाते हैं कि रिश्तों में संवाद की जगह अब सड़कों पर हंगामा क्यों रह गया है।