आज दुनिया के लिए बहुत ही खास दिन है क्योंकि आज यानि 8 दिसंबर को ब्रिटेन में वैक्सीनेशन शुरू होगी। पूरी दुनिया की निगाहें ब्रिटेन के इस अभियान पर टिकी हैं। बात अगर भारत की करें तो भारत में भी वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है और जल्द ही इसकी वैक्सीन भी आ जाएगी। हालांकि मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है लेकिन इस बीच वैक्सीन की खबरें लोगों को राहत दे रही हैं और अब लोगों का वैक्सीन के लिए इंतजार भी जल्द खत्म होने वाला है। वैक्सीन को लेकर कईं तरह की उम्मीदें लगाईं जा रही हैं साथ ही में लोगों के मन में भी कईं तरह के सवाल हैं कि क्या वैक्सीन लेने के बाद सब पहले जैसा हो जाएगा? क्या इससे दोबारा संक्रमण नहीं होगा? या फिर किस देश को पहले वैक्सीन मिलेगी। इन सभी सवालों पर विशेषज्ञों का क्या कहना है आईए आपको बतातें हैं...
वैक्सीन के बाद भी करने होंगे यह काम
ब्रिटेन के वैक्सीन को हरी झंडी देने के बाद लोगों के मन में अब इस वायरस से जीत की एक उम्मीद जाग उठी है। लेकिन महज वैक्सीन लेने से कुछ नहीं होगा बल्कि वैक्सीन लेने के बाद अगर आप दूसरों से दूरी बनाकर रखेंगे और लक्षण नजर आने पर बिना देरी टेस्ट करवाएंगे तो इस वायरस से आप जंग जीत सकते हैं।
सभी देशों को मिलेगी वैक्सीन
वैक्सीन आने की खबरें जैसे जैसे तेज हो रही हैं वैसे वैसे लोग ऐसा मान रहे हैं कि वैक्सीन पहले अमीर देशों को दी जाएगी और बाद में दूसरें देशों को लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया भर के देशों तक वैक्सीन पहुंचाएगी क्योंकि अगर देश का कोई कोई भी नागरिक संक्रमित है तो वह आगे भी वायरस को फैला सकता है।
वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा
कोरोना के मामले दुनियाभर में लाखों के पार जा चुके हैं ऐसे में लोगों का मानना है कि वैक्सीन जल्द आए और सब पहले जैसा हो जाए लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीन आने से भी पहले जैसा माहोल नहीं होगा। ऐसा भी नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद आप को दोबारा संक्रमण न हो बल्कि आप दोबारा भी इसकी चपेट में आ सकत हैं। क्योंकि वैक्सीन का काम बीमारी को हमेशा के लिए खत्म करना नहीं बल्कि इसके खतरे को कम करना है।
अस्थमा के मरीज रखें खास ख्याल
आपको बता दें कि विशेषज्ञों ने अस्थमा मरीजों को पूरी सावधानी बरतने के लिए कहा है इसका कारण है कि उन्हें श्वसन तंत्र बाकी लोगों के मुकाबले काफी कमजोर होता है और उन्हें संक्रण का खतरा भी ज्यादा रहता है इसलिए उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा है।