नारी डेस्क: आज, 1 मई को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का जन्मदिन है। इस खास मौके पर उनके परिवार ने हरियाणा के करनाल में एक ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया। इस आयोजन के दौरान विनय की पत्नी हिमांशी की बातो ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। इस कैंप के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
पत्नी हिमांशी का भावुक बयान
कार्यक्रम के दौरान विनय की पत्नी हिमांशी ने मंच से बोलते हुए कहा,"मैं चाहती हूं कि पूरा देश उनके लिए प्रार्थना करे कि वह जहां भी हों, स्वस्थ और खुश रहें।" उन्होंने कहा कि वे किसी के प्रति नफरत नहीं चाहतीं। उन्होंने यह भी कहा "लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते। हम केवल शांति चाहते हैं। हां, हम न्याय जरूर चाहते हैं। जिन्होंने विनय के साथ गलत किया, उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए।"
मेहंदी में लिखवाया विनय का नाम
इस आयोजन के दौरान हिमांशी ने अपने हाथ में लगाई मेहंदी भी दिखाई जिसमें विनय का नाम लिखा हुआ था। यह एक भावुक क्षण था जिसे देखकर कई लोगों की आंखें नम हो गईं। मंच पर हिमांशी कई बार भावुक हुईं और उनके साथ उनका परिवार भी दिखाई दिया, जो लगातार 'ॐ शांति' का जाप कर रहा था।
ब्लड डोनेशन कैंप के इस आयोजन में कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए। विधायक जगमोहन आनंद और करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता भी मंच पर मौजूद रहीं। सभी ने मिलकर शहीद विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को ढांढस बंधाया।
"हिंदुस्तान का लाल" पोस्टर ने खींचा ध्यान
कार्यक्रम स्थल पर एक बड़ा पोस्टर लगाया गया था, जिस पर लिखा था,"हिंदुस्तान का लाल, विनय नरवाल।" यह पोस्टर लोगों को देशभक्ति और बलिदान की भावना से भर रहा था। कार्यक्रम का सबसे भावुक पल तब आया जब विनय की मां और पत्नी हिमांशी मंच से उतरकर एक-दूसरे को गले लगाते हुए फूट-फूट कर रो पड़ीं। वहां मौजूद लोग भी इस दृश्य को देखकर आंसू नहीं रोक पाए।
बहन सृष्टि ने की ब्लड डोनेशन की अपील
विनय नरवाल की बहन सृष्टि ने लोगों से अपील करते हुए कहा,"मैं सभी से कहना चाहती हूं कि वे आगे आएं और ब्लड डोनेट करें। मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं जो दूर-दूर से यहां आए हैं। मुझे देखकर खुशी हो रही है कि लोग इस उद्देश्य के लिए जुनून और जोश से भरपूर हैं।" सृष्टि ने यह भी बताया कि उनके पिता ने सरकार से विनय नरवाल को शहीद का दर्जा देने की मांग की है और सरकार इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि,"लोगों की भागीदारी से विनय की विचारधारा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।"

शादी के 11 दिन बाद हुआ आतंकी हमला
यह जानना बेहद दुखद है कि विनय नरवाल और हिमांशी की शादी अभी हाल ही में 16 अप्रैल को हुई थी। दोनों हनीमून पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम गए थे। वहां पर 26 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर विनय नरवाल की हत्या कर दी थी, वो भी उनकी पत्नी हिमांशी के सामने। इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए थे और 17 लोग घायल हुए थे।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने अपने देश के लिए जान देकर जो बलिदान दिया, वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेगा। उनके जन्मदिन पर रक्तदान करके उनके परिवार ने यह संदेश दिया कि हम नफरत नहीं, प्रेम और सेवा का रास्ता चुनेंगे।