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दशहरे के बाद घर क्यों लाई जाती है रावण के पुतले की जली लकड़ी? जानिए कारण

  • Edited By palak,
  • Updated: 23 Oct, 2023 05:15 PM
दशहरे के बाद घर क्यों लाई जाती है रावण के पुतले की जली लकड़ी? जानिए कारण

हर साल आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इस बार विजयदशमी का यह त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लंकापति रावण का वध हुआ था ऐसे में हर साल इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला जलाया जाता है। दशहरे के त्योहार को लेकर अलग-अलग हिस्सों में कई मान्यताएं भी हैं। मध्यप्रदेश में लोग रावण के जले हुए पुतले की लकड़ियां घर में लाते हैं। यह परंपरा अब सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि कई ओर जगहों पर भी मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं रावण की पुतले की लकड़ी घर में क्यों लाई जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि इसके पीछे आखिर क्या कारण है.....

लकड़ियां मानी जाती हैं शुभ 

लोग रावण  के जले हुए पुतले की लकड़ियां को शुभ मानकर अपने घर ले जाते हैं। यह रस्म धन धान्य की प्राप्ति का प्रतीक मानी जाती है। मुख्यतौर पर मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में इसे मनाया जाता है। बैतूल में करीबन पिछले 65 सालों से रावण, कुंभकर्ण  और मेघनाद के पुतलों को जलाने की परंपरा चल रही है। यह परंपरा बैतूल के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित की जाती है। रावण दहन का कार्यक्रम देखने कई लोग जाते हैं। इन लोगों में से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें रावण के पुतले के दहन का बेसब्री से इंतजार होता है ताकि यह सभी उसकी अस्थियां और पुतले की जली लकड़ी लेकर जा सकें। 

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यहां रखी जाती है लकड़ियां 

रावण के पुतले जलाने के बाद लोग जली लकड़ियां पहले जमीन पर रगड़कर बुझाते हैं और फिर इन्हें ठंडा करके घर में लाकर अपने पूजन कक्ष में रख देते हैं। कुछ लोग इसे घर के मुख्य हिस्से में रखते हैं। इसलिए पुतला जलने के बाद ही लोग लकड़ियां बटौरना शुरु कर देते हैं। लोगों की कोशिश यही होती है कि पुतले की राख बनने से पहले ही लकड़ियां इकट्ठी कर ली जाएं। 

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परिवार में नहीं रहती धन की कमी 

मान्यताओं के अनुसार, पुतला दहन के बाद लकड़ियां घर में लेकर जाने से परिवार में कभी भी पैसे की कमी नहीं होती। वहीं कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण एक ज्ञानी पंडित था, शनिदेव भी उसके पैर में रहते थे। देवी-देवता, ग्रह नक्षत्र उनके वश में थे घमंड के कारण से उनकी मृत्यु हुई। ज्ञानी पंडित होने के कारण धन-धान्य से परिपूर्ण होने के कारण लोग पुतले की राख से बनी लकड़ी घर लाते हैं ताकि घर में धन की कमी न रहे। एक अन्य मान्यता के अनुसार, रावण दहन के पुतले से जली लकड़ी घर में लाने से सब कुछ अच्छा होता है। 

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