कपूर खानदान जो बॉलीवुड में एक खास पहचान रखता है। इस खानदान ने बॉलीवुड को कई दिग्गज स्टार्स दिए और इसी परिवार के एक फेमस स्टार थे शम्मी कपूर। जब भी उनका नाम आता है तो लोगों को याहू चाहे मुझे कोई जंगली कहे का गाना याद आ जाता है। भले ही आज वह दुनिया में नहीं है लेकिन लोग उनके शानदार किरदारों को आज भी दिल में बसाए हुए हैं। वह बेहद खुश मिजाज शख्स थे लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वो पूरी तरह से टूट गए थे। 21 अक्तूबर को शम्मी जी की बर्थ एनिवर्सरी होती है तो चलिए इस पैकेज में आपको शम्मी कपूर की पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हैं।
शम्मी कपूर का पूरा नाम शमशेर राज कपूर था और वह अपने परिवार में अकेले ऐसे बच्चे थे जो असप्ताल में पैदा हुए थे। दरअसल, उनके जन्म से पहले ही उनके दो भाई मर चुके थे। पिता पृथ्वीराज कपूर, मां रामशरणी और परिवार इस बात को लेकर बैचेन थे क्योंकि जब शम्मी गर्भ में थे तब राज कपूर से छोटे उनके दो भाई –देवी औऱ बिंदी एक ही हफ्ते के अंतराल में चल बसे थे। इसलिए उनकी डिलीवरी को लेकर घर में बहुत बेचैनी का माहौल था इसलिए सावधानी के तौर में उनका जन्म अस्पताल में हुआ और उनका राजकुमारों जैसे ख्याल रखा गया।
शम्मी के जन्म के बाद पृथ्वीराज कपूर सबको लेकर कलकत्ता चले गए थे और 7-8 साल वहीं रहे। 1939 में वह न्यू थियेटर्स छोड़कर मुंबई लौट आए और रणजीत स्टूडियो जॉइन कर लिया। 1944 में ‘शकुंतला’ नाटक के साथ उन्होंने पृथ्वी थियेटर्स की शुरुआत की। उस प्ले में शम्मी, भरत का रोल किया करते थे। इस प्ले और राज कपूर की वजह से उन्हें अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था। दरअसल, ‘शकुंतला’ की रिहर्सल के लिए राज कपूर छुट्टी चाहते थे लेकिन स्कूल ने उन्हें मना कर दिया। इस पर राज गुस्सा हो गए और उनकी प्रिंसिपल से लड़ाई हो गई। इसके बाद शम्मी को भी वो स्कूल छोड़ना पड़ा था। कॉलेज में भी शम्मी का मन नहीं लगा तो उन्होंने कॉलेज छोड़ा और घर आ गए। घर आकर पिता पृथ्वीराज से कहा, “पापाजी, सॉरी!” इस पर पिता ने कहा कि कोई नहीं पुत्तर कल से थियेटर आजा! और अगले दिन से वे थियेटर जाने लगे। वहां उन्हें 50 रुपए की पगार मिलनी शुरू हुई।
अपने भाई की तरह वह भी फिल्मों में ही करियर बनाना चाहते थे लेकिन उन्हें शुरुआती फिल्मों में सफलता नहीं मिली थी। लोग कहते थे कि वह भाई राज कपूर की नकल करने की कोशिश कर रहा है जिसे सुनकर उन्हें काफी दुख होता था लेकिन जब फिल्में चलनी शुरू हुई तो सब सही हो गया। डांस करने वाले हीरोज़ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को शम्मी कपूर की ही देन है। उनकी फिल्मों के बाद हर फिल्म में हीरो यूं नाचने लगे। हालांकि शम्मी कपूर ने अपनी किसी फिल्म में कोरियोग्राफर की मदद नहीं ली वह सारे डांस स्टेप्स और अंदाज खुद बनाते थे।
शम्मी कपूर का नाम भी बाकी स्टार्स की तरह बहुत सारी एक्ट्रेस के साथ जुड़ा। नूतन उनकी चाइल्डहुड गर्लफ्रेंड थीं। जब नूतन 3 और शम्मी 6 साल के थे तब से दोस्त थे। क्योंकि शम्मी के पिता पृथ्वीराज और नूतन की मां शोभना समर्थ बहुत अच्छे दोस्त थे इसलिए दोनों के बच्चे भी हमेशा मिलते और साथ खेलते-कूदते रहते थे। बाद में दोनों ने एक दूसरे को डेट करना भी शुरू किया। हालांकि नूतन की मां को यह रिश्ता जंचा नहीं था।
उसके बाद मुमताज के साथ भी शम्मी का नाम जुड़ा। उनके साथ शम्मी शादी भी करना चाहते थे लेकिन एक शर्त पर कि वह फिल्मों में काम नहीं करेंगी। लेकिन मुमताज अपना करियर और शादी के बाद काम नहीं छोड़ना चाहती थी।
फिर उनकी जिदंगी में गीता बाली आई। शम्मी सिर्फ 23 साल के थे जब उन्होंने गीता बाली शादी कर ली। दोनों पहली बार फिल्म ‘कॉफी हाउस’ के सेट पर मिले थे. बाद में दोनों ने साथ में केदार शर्मा की फिल्म ‘रंगीन रातें’ (1959) में काम किया। इसी सिलसिले में दोनोंआउटडोर शूट पर वे रानीखेत हिल स्टेशन गए थे जहां नजदीकियां बढ़ गई। उनकी शादी शादी का किस्सा भी दिलचस्प रहा।
दरअसल शम्मी रोज गीता से पूछते थे कि वे उनसे प्यार करते हैं, क्या वे उनसे शादी करेंगी? गीता हां नहीं कहती थीं। एक दिन वे बोलीं, “चलो, शादी करते हैं।” शम्मी एकदम खुश हो गए। फिर गीता ने कहा, “लेकिन शादी आज ही करनी होगी।” गीता की बात सुनकर वह हैरान हो गए लेकिन वो इस मौके को गंवाना नहीं चाहते थे। तब दोनों मंदिर में गए। फेरे लिए। वरमाला पहनाई। गीता ने अपने बैग में से लिपस्टिक निकाली। शम्मी ने उनकी मांग में लिपस्टिक भर दी। इस तरह दोनों की शादी हो गई। शम्मी ने आखिरी वक्त तक कहा था कि ये उनकी जिंदगी के सबसे यादगार वक्त में से एक था।
लेकिन ये प्यार उन्हें एक ऐसा झटका दे गया जो उन्हें गहरा सदमा दे गया। शम्मी और गीता के 2 बच्चे हुए लेकिन शादी के 10 साल बाद गीता को स्मॉल पॉक्स हो गया और 1965 में उनका निधन हो गया। गीता के निधन के बाद से शम्मी कपूर टूट गए थे जिसका असर उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों पर पड़ा।
परिवार ने जब शम्मी की हालत देखते हुए उन्हें दूसरी शादी करने को कहा तो वह नीला देवी को अपनी पत्नी बनाने के लिए तैयार हो गए लेकिन साथ ही एक शर्त रखी थी कि वह बच्चा पैदा नहीं करेंगी और उनके दोनों बच्चों की परवरिश ही बतौर मां करेंगी। नीला ने शम्मी की इस बात को मान लिया और शादी के बाद नीला ने न सिर्फ शम्मी का बल्कि बच्चों का भी पूरा ध्यान रखा। हालांकि लोगों ने उस समय चैलेंज के साथ कहा था कि ये शादी 2 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी लेकिन नीला ने पूरी जिंदगी शम्मी का साथ दिया। नीला ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'शादी के बाद मैं एक भी रात अपने पैरेंट्स के घर नहीं रहीं, मैंने कभी शम्मी जी को अकेला नहीं छोड़ा था।'
उनके बड़े भाई राज कपूर से जुड़ा एक किस्सा भी है जब राज ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही डांट लगाई थी। असल में 90 के दशक में शम्मी कपूर ने एक पान मसाला कंपनी का विज्ञापन किया था जो कि काफी वायरल हुआ था। शम्मी कपूर के साथ इस विज्ञापन में लीजेंड्री स्टार अशोक कुमार भी नज़र आए थे। शम्मी कपूर की मानें तो इस विज्ञापन के सामने आने के बाद उनके बड़े भाई राज कपूर ने हांगकांग एयरपोर्ट पर एक बार उन्हें यह कहकर डांट लगाई थी कि इस विज्ञापन ने उनकी (शम्मी की) इमेज पर बट्टा लगा दिया है। शम्मी कपूर की मानें तो राज कपूर को डर था कि अब लोग उन्हें फिल्मों के लिए नहीं बल्कि पान मसाले के विज्ञापन के लिए याद रखेंगे।
बहरहाल, शम्मी कपूर कहते हैं कि उन्होंने कभी भी अशोक कुमार के साथ कोई फिल्म नहीं की थी और वो अशोक कुमार के साथ काम करने का मौक़ा गंवाना नहीं चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने एड के लिए ना नहीं बोला था।
शम्मी के दोनों ही बच्चे फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहे। उनके बेटे का नाम आदित्य राज कपूर है। एक इंटरव्यू में इंटरव्यू में आदित्य ने कहा कि मैं 17 साल का था और मैं एक बागी था। मेरा बॉलीवुड में डेब्यू होने जा रहा था लेकिन फिर मुझे मेरे आध्यात्मिक गुरुजी मिले और उन्होंने अगले कुछ शब्दों ने मेरी जिंदगी बदल दी। मेरे गुरु ने मुझसे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दो। इसी के साथ उन्होंने सिनेमा के साथ अपने सारे संबंध तोड़ दिए थे। आदित्य ने इसके बाद अपनी जिंदगी के कई साल बिजनेस में गुजारे। हालांकि वह साल 2010 में वे पहली बार एक फिल्म में दिखे थे।