25 MARTUESDAY2025 1:19:07 AM
Nari

शराब से कम जहरीला नहीं है गाड़ियों का धुआं, फेफड़े के साथ लीवर को भी कर रहा बुरी तरह बर्बाद

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Feb, 2025 12:06 PM
शराब से कम जहरीला नहीं है गाड़ियों का धुआं, फेफड़े के साथ लीवर को भी कर रहा बुरी तरह बर्बाद

नारी डेस्क: फैटी लिवर (Fatty Liver) एक तेजी से बढ़ती समस्या बन गई है, और इसका एक छिपा हुआ कारण वायु प्रदूषण (Air Pollution) भी हो सकता है। आमतौर पर फैटी लिवर अस्वस्थ खान-पान, मोटापा और शराब के सेवन से जुड़ा होता है, लेकिन अब वातावरण में मौजूद जहरीले कण (PM 2.5, PM 10, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि) भी लिवर की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह खुलासा ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में किया है।

 

यह भी पढ़ें: खट्टी -मीठी यादें देकर महाकुंभ से विदा हुए साधु-संत

 

सबसे आम रोग है फैटी लीवर

इस अध्ययन के अनुसार यातायात से निकलने वाले पीएम2.5 कणों के प्रतिदिन मात्र 10 माइक्रोग्राम आपके लीवर को नुकसान पहुंचाने और चयापचय से जुड़े फैटी लीवर रोग के जोखिम को बढ़ाने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं। फैटी लीवर, जिसे हेपेटिक स्टेटोसिस भी कहा जाता है, दुनिया भर में सबसे आम लीवर रोग है। यह रोग लीवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा के निर्माण के कारण होता है। पिछले अध्ययनों ने खराब आहार, व्यायाम की कमी और अत्यधिक शराब जैसे जीवनशैली कारकों को फैटी लीवर के पीछे प्रमुख कारण बताया है।

 

चूहों पर किया गया शोध

चूहों पर किए गए नए शोध से पता चलता है कि हमारा पर्यावरण, विशेष रूप से यातायात वायु प्रदूषण के संपर्क में आना भी इस बीमारी में योगदान दे सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी (UTS) के मुख्य लेखक और प्रोफेसर हुई चेन ने कहा- "हम वायु प्रदूषण को लोगों के फेफड़ों के लिए हानिकारक मानते हैं, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, जिसमें लीवर भी शामिल है। जब हम वायु प्रदूषण को सांस के जरिए अंदर लेते हैं, तो PM2.5 नामक बहुत छोटे कण फेफड़ों के माध्यम से रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं। लीवर, जो रक्त से विषाक्त पदार्थों को छानता है, फिर इन पदार्थों को जमा करता है, जिसमें आर्सेनिक, सीसा, निकल और जस्ता जैसी भारी धातुएं शामिल हैं।"

 

यह भी पढ़ें: इस देश में चलती है भगवान राम की तस्वीर वाली करेंसी


कैसे वायु प्रदूषण फैटी लिवर का कारण बनता है

वायु प्रदूषण में मौजूद PM 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2) और ओजोन (O3) जैसे तत्व शरीर में प्रवेश कर लिवर में सूजन और चर्बी जमा करने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। जब शरीर ज्यादा टॉक्सिन्स को प्रोसेस करता है, तो लिवर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जिससे फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है। वायु प्रदूषण मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंसबढ़ा सकता है, जिससे लिवर में फैट जमा होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। 

 

कैसे बचें  वायु प्रदूषण के प्रभाव से?

– सुबह जल्दी या कम प्रदूषित जगह पर वॉक करें। 
– घर और ऑफिस में **एयर प्यूरीफायर लगाएं।
 – हरी सब्जियां, फल, हल्दी और ग्रीन टी को डाइट में शामिल करें। 
–रोज़ाना नींबू पानी और हाइड्रेटिंग फूड्स लें। 
–योग और एरोबिक एक्सरसाइज से लिवर हेल्दी बना रहता है। 
– जब भी बाहर जाएं, N95 मास्क पहनें ताकि प्रदूषण के असर से बच सकें। ,
---

Related News