वास्तु शास्त्र में दिशाओं का खास महत्व बताया गया है। यदि इस शास्त्र के अनुसार, चीजें न रखी जाएं या गलत दिशा के अनुसार काम किया जाए तो व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु में हर चीज से जुड़े नियमों के बारे में बताया गया है। वैसे ही बच्चों के स्टडी टेबल के भी कुछ नियमों का इस शास्त्र में उल्लेख किया गया है। मान्यताओं के अनुसार, यदि बच्चों का स्टडी टेबल सही दिशा में न हो तो बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। तो चलिए जानते हैं कि स्टडी टेबल कहां पर रखना चाहिए।
उत्तर-पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र में पढ़ाई लिखाई से जुड़ी चीजों को रखने के सही दिशा उत्तर-पूर्व मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा में स्टडी रुम बनाना शुभ माना जाता है परंतु कभी भी दक्षिण या फिर दक्षिण पूर्व दिशा में स्टडी रुम नहीं बनवाना चाहिए। इसके अलावा सीढ़ियों के नीचे भी बच्चों का पढ़ने का कमरा नहीं बनवाना चाहिए। इससे उनका पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता।
चौकोर आकार का हो स्टडी टेबल
बच्चों के पढ़ाई करने वाले कमरे में टेबल और कुर्सियां ऐसे रखनी चाहिए कि कुर्सी पर बैठते या पढ़ते समय बच्चे की पीठ कमरे के दरवाजे या खिड़की की ओर होनी चाहिए। इसके अलावा स्टडी डेबल चौकोर आकार का होना चाहिए। ऐसा स्टडी टेबल बच्चों के रुम में लगाना सही माना जाता है।
पढ़ते समय इस ओर हो मुख
स्टडी रुम बच्चे का इस तरह से व्यवस्थित करें कि पढ़ते समय बच्चे का मुख उत्तर-पूर्व दिशा में हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कॉपी किताब को दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए।
स्टडी टेबल के सामने लगाएं पोस्टर
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के स्टडी टेबल के सामने खाली जगह न हो। इसके लिए आप वहां पर सात दौड़ते हुए घोड़े की तस्वीर लगा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपने उनकी स्टडी टेबल पर कोई लैंप लखा है तो उसे टेबल के दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें।
शीशा न रखें
स्टडी टेबल के सामने कभी भी कोई शीशा न रखें। इससे बच्चे की एकाग्रता खत्म होती है और उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता।