घर का मुख्य दरवाजा कैसा होना चाहिए इसमें वास्तु शास्त्र भी अहम भूमिका निभाता है। घर का मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार, बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि इसी से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। वहीं मुख्य द्वार से घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। इसलिए मुख्य द्वार को लेकर कई सारी महत्वपूर्ण बातें बताई गहैं। चलिए आपको बताते हैं कि घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए...
ऐसी लकड़ी का करें इस्तेमाल
जब आप घर के अंदर दरवाजा बनवा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रकें कि घर के दरवाजों के लिए एक ही जैसी लकड़ी का इस्तेमाल करें। आप साल, सागवान या फिर टीक की लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सारे लकड़ियां घर के लिए अच्छी मानी जाती है और घर में पॉजिटिविटी लेकर आती हैं।
इस संख्या में हो दरवाजे
घर में दरवाजा लगाते समय उनकी संख्या का भी ध्यान रखना चाहिए। मुख्यतौर पर घर के अंदर दरवाजे 2,4,6,8 संख्या में होने चाहिए। दरवाजों की सम संख्या घर में पॉजिटिविटी लेकर आती है। वास्तु के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि दरवाजों की सम संख्या होने पर घर की संतान आगे चलकर बहुत ही अच्छा नाम कमाती है।
उत्तर पूर्व या पूर्व पश्चिम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजों को हमेशा उत्तर पूर्व या पूर्व पश्चिम दिशा में ही बनवाना चाहिए। घर के मुख्य दरवाजे के लिए यह दिशा शुभ मानी जाती है। प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में होना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे का आकार ना ही छोटा और ना ही ज्यादा बड़ा होना चाहिए।
सजाकर रखें मुख्य द्वार
घर में पॉजिटिव एनर्जी के लिए मुख्य द्वार को हमेशा सजाकर ही रखें। मुख्य दरवाजे पर ऊं का स्वास्तिक भी आप बना सकते हैं या फिर किसी धातु या लकड़ी से बनी नेमप्लेट लगा सकते हैं। घर के मुख्य द्वार पर बड़ी घंटी की जगह मधुर ध्वनि उत्पन्न करने वाली डोरबेल लगानी चाहिए।
डोर मैट रखें
घर के मुख्य द्वार में हमेशा डोर मैट रखें इससे घर की पॉजिटिव शक्तियां बाहर ही रह जाती है। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर दहलीज होनी चाहिए जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी के साथ मां लक्ष्मी का आगमन होता है।