भारत देश में बहुत से मंदिर व तीर्थ स्थल है। ऐसे में लोग अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए मंदिर में धन, फूल, नारियल, अलग-अलग पकवान आदि चढ़ाते हैं। ताकि भगवान की जी कृपा पाई जा सके। मगर भारत में ही एक ऐसा मंदिर है, जहां पर देवी मां को कंकड़-पत्थर अर्पित करने की परंपरा है। भले ही सुनने में आपको अजीब लगे। मगर यही सच है। तो चलिए जानते हैं मंदिर के बारे में...
मां जगत जननी के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध
देवी मां का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से लगे खमतराई में स्थापित है। इसका नाम 'मां जगत जननी मंदिर' है। मगर यह 'वनदेवी मंदिर' नाम से भी मशहूर है। यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि भक्त अपनी इच्छा पूरी होने यहां पर कंकड़- पत्थर चढ़ाते हैं। साथ ही इसका मां को भोग भी लगाया जाता है। यह परंपरा सदियों से निभाई जा रही है।
भक्त लाते हैं 5 पत्थर
कहा जाता है कि भक्त यहां पर 5 पत्थर लेकर आते हैं। साथ ही माता रानी के आगे अपनी इच्छा रखते हुए उसे चढ़ाते हैं। साथ ही जब मन्नत पूरी होने पर भी 5 पत्थर चढ़ाते हैं।
खास पत्थर है देवी मां को अतिप्रिय
बात अब हम पत्थर की करें तो यह स्थानीय नहीं बल्कि काफी विशेष है। यह खासतौर पर खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर है। मान्यता है कि यह देवी मां को अतिप्रिय है। इसलिए इसे मंदिर में अर्पित करने से वनदेवी की असीम कृपा मिलती है।
मन्नत मांगने और पूरी होने पर पत्थर चढ़ाने की परंपरा
स्थानीय निवासियों के अनुसार वनदेवी मां को मन्नत पूरी होने से पहले और पूरी होने के बाद पांच पत्थर चढ़ाए जाते हैं। लेकिन कोई भी पत्थर नहीं चढ़ाया जाता बल्कि खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर ही चढ़ाया जाता है। इसे छत्तीसगढ़ी भाषा में चमरगोटा कहते हैं। मान्यता है कि वनदेवी को यह पत्थर अत्यंत प्रिय है। इसलिए जो भी जातक पूरी श्रद्धा से मां को ये पत्थर चढ़ाते हैं मां उनकी सारी मुरादें पूरी कर देती हैं।