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अक्टूबर के पहले हफ्ते से दी जाएगी 12 साल से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन लेकिन...

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 25 Aug, 2021 05:54 PM
अक्टूबर के पहले हफ्ते से दी जाएगी 12 साल से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन लेकिन...

देश में जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब पहले के मुताबिक थमती हुई नज़र आ रही हैं वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर अपनी चरम सीमा पर होगी इतना ही नहीं इस लहर का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर दिखाई देगा।

अक्टूबर से शुरू होगा बच्चों का वेक्सीनेशन
वहीं दूसरी तरफ बच्चों की वेक्सीन पर ताजा जानकारी सामने आई हैं।  कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच अब भारत में 12 साल और उससे ऊपर की उम्र के बच्चों को भी कोरोना का टीका इस साल अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। बता दें कि देश में 12 साल से 17 साल की उम्र के लगभग 12 करोड़ बच्चें हैं, लेकिन सबसे पहले वैक्सीन उन बच्चों को दी जाएगी जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को इस साल अक्टूबर के पहले हफ्ते से बच्चों को देने का प्लान है।

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दरअसल, केंद्र सरकार की बनी कोविड वर्किंग ग्रुप कमेटी के चेयरमैन डॉ. एन के अरोरा ने जायकोव डी अक्टूबर के पहले हफ्ते से वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कहा है, यानी अब अक्टूबर के पहले हफ्ते से 12 साल से ऊपर के बच्चों को भी वैक्सीन दी जाएगी। 

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हालांकि 12 साल के ऊपर के सिर्फ उन्हीं बच्चों का वैक्सीनेशन सबसे पहले होगा जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। जो बच्चे स्वस्थ हैं उन्हें वैक्सीनेशन के लिए अगले साल मार्च तक का इंतजार करना होगा। 

गंभीर बीमार की श्रेणी मे कौन, कौन-सी बीमारी शामिल होंगी?
गंभीर बीमार की श्रेणी मे कौन, कौन-सी बीमारिया शामिल है इसके लिए जल्द ही नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन की बैठक होगी जिसमें लिस्ट तैयार की जाएगी। जानकारों का मानना है कि स्वस्थ्य बच्चों में कोरोना संक्रमण होने पर अस्पताल में भर्ती होने या फिर मौत की आशंका बेहद कम होती है। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि एक संक्रमित वयस्क बच्चों के मुकाबले 10 से 15 गुना ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने या फिर मौत की आंशका बढ़ जाती है।

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बच्चों को टीकाकरण की जरूरत नहीं, अभिभावक और टीचर का वेक्सीनेटेड होना जरूरी
वहीं इसके साथ ही डॉ. एन के अरोरा ने बताया कि स्कूल खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण की जरूरत नहीं है। जरूरत ये है कि जिन घरों में बच्चे हैं वहां सभी माता-पिता और घर के दूसरे लोग वेक्सीनेटेड हो और स्कूल खोलने पर टीचर और स्टाफ का वेक्सीनेटेड होना जरूरी है।   इस तरीके से बच्चा एक सुरक्षित आवरण में रहता है। इसके साथ ही बच्चों के मानसिक औऱ शारीरिक विकास के लिए एक्सपर्ट्स स्कूल खोलने की सलाह दे रहे हैं।

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बच्चों में कोरोना से संक्रमित गंभीर समस्या नहीं 
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पाया गए साक्ष्य के अनुसार, बच्चों में कोरोना से संक्रमित गंभीर समस्या नहीं होती है।कोरोना का संक्रमण माइल्ड या बिना लक्षण का होता है। अस्पताल दाखिल होने या फिर डेथ की संभावना ना के बराबर होती है, इसलिए अभिभावक घबराने की बजाए बच्चों की देखभाल करें।  
 

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