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पुरानी बसों से इस अनोखे काम की शुरुआत कर रही हैं उल्का सदलक

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 14 Jan, 2019 12:36 PM
पुरानी बसों से इस अनोखे काम की शुरुआत कर रही हैं उल्का सदलक

महिलाओं को अपनी हाइजीन का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। घर से बाहत किसी दूसरी जगह पर जाना हो तो महिलाओं को सबसे ज्यादा शौचालय जाने की परेशानी होती है, यह समस्या तब और भी बढ़ जाती है जब उनके पीरियड्स चल रहे हो। गंदी जगह पर टॉयलेट जाने से संक्रमण की परेशानी भी हो सकती है। इसी समस्या को समझते हुए एंट्रेप्रिन्योर उल्का सदलकर आगे आईं और राजीव खेर के साथ मिलकर महिलाओं को टॉयलेट की उपलब्ध करवाने का अनोखा आइडिया खोज निकाला। 

 

बेकार बसों को दे दिया मॉडर्न टॉयलेट का लुक

पुरानी बसों को बेकार समझ कर कबाड़ में फेंक दिया जाता है लेकिन उल्का ने इस बेकार चीज की इस्तेमाल औरतों को सहूलियत देने के लिए करना शुरू कर दिया। इस काम के लिए उनका साथ ने दिया। पुणे की जनसंख्या ज्यादा होने और टॉयलेट बनाने के लिए स्पेस कम होने की वजह से उल्का ने बेकार बसों का सहारा लिया। इन बसों को उन्होंने मॉडर्न टॉयलेट का रूप दे दिया। 

PunjabKesari, Ulka Sadalkar

टॉयलेट में है कई सुविधाएं

इस टॉयलेट की खास बात यह है कि इसमें साफ-सुथरा वॉशबेसिन, इंडियन और वेस्टर्न दोनों तरह की टॉयलेट, बच्चों के डायपर बदलने के लिए खास स्पेस, महिलाओं को पैड्स उपलब्ध करवाने की सुविधा आदि उपलब्ध है। इन टॉयलेट्स की खास बात यह है कि इनकी बिजली सोलर पावर से चलती है। 

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पुणे में चल रहे हैं 11 'हेल्थ सेंटर'

उल्का के ऐसे 11 हेल्थ सेंटर चल रहे हैं जिसमें रोजाना 150 महिलाएं विजिट करती हैं। कई बार इनकी संख्या 300 तक भी पहुंच जाती है। उल्का सदलकर का यह प्रयास महिला सशक्तीकरण की दिशा में सकारात्मक कदम है। 

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