सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में काफी कॉमन हो गया है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद ये कैंसर दूसरे नंबर पर है जो महिलाओं की सबसे ज्यादा जान ले रहा है। आज भारत में 10 से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि महिलाएं जागरूक नहीं है। जागरूकता ही सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की ओर सबसे बड़ा कदम है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सर्वाइकल कैंसर क्या है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
क्या है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के सबसे नीचे के भाग (यूटरस के मुंह का कैंसर) का घातक ट्यूमर होता है, जो गर्भशय के निचले भाग से शुरु होकर ऊपर योनी तक जुड़ता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा भी कहते हैं। सर्वाइकल कैंसर पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है, जिसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस कहा जाता है। इस संक्रमण के चलते सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। माना जाता है कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर फैलता है।
ऐसे करें सर्वाकल कैंसर से बचाव
पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है, जहां सर्वाइकल के 25 फीसदी मामले और मौते होती हैं,जिसकी रोकथाम की जा सकती है। जी हां, HPV इंजेक्शन से सर्वाइकल कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें इस वैक्सीन को शारीरिक संबंध बनाने से पहले लगा देना चाहिए, जो की सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। 9 से 14 साल की उम्र से लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगवा देने बेस्ट है, इससे कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है इसके बाद ये इंजेक्शन नहीं लिया जा सकता है। महिलाएं 40 साल की उम्र तक ये इंजेक्शन ले सकती हैं। इसके अलावा नियमित रूप से स्मीयर टेस्ट कराना भी बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके। साथ ही आप इस आदतों को अपनाकर भी सर्वाइकल कैंसर को खतरे को कम कर सकते हैं-
-सुरक्षित यौन संबंध
-धूम्रपान से परहेज करें
-हेल्दी डाइट फॉलो करें
-पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें
-यौन साथियों की संख्या कम करें
-एचपीवी वायरस के खिलाफ वैक्सीन लगवाएं