छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पावर बहुत ही कम होती है। ऐसे में वो बहुत ही जल्दी संक्रमण या इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। बता दें टीबी एक तरीके की बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो लंग्स को प्रभावित करता है। इसके अलावा इससे बोन, स्किन, किडनी, ब्रेन और स्पाइन पर भी असर पड़ता है। WHO की एक रिपोर्ट की मानें तो पूरी दुनियाभर में 15 साल से ज्यादा उम्र के 1.2 मिलियन बच्चे हर साल टीबी से प्रभावित होते हैं। इससे ये पता चलता है कि ये मामला काफी गंभीर है और बच्चे भी इससे सुरक्षित नहीं है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं बच्चों में टीबी के लक्षण, कारण और इलाज...
बच्चों को क्यों होती है टीबी?
एक्सपर्ट्स की मानें तो मायोबैक्टीरियल ट्यूबरोक्लोसिस बैक्टीरिया की वजह से बच्चों को टीबी होती है। इस बैक्टीरिया की चपेट में आने से बच्चे तुरंत लक्षण दिखाने लगते हैं। वहीं ये सांस के जरिए फैलने वाली बीमारी है। टीबी का मरीज जब खांसता, छींकता और बोलता है तो आसपास के लोग भी संक्रमित हो जाते हैं।
बच्चों में टीबी के लक्षण
-तेज बुखार आना
- वजन तेजी से कम होना
-गले में दर्द और सूजन
-कफ की समस्या
- खांसी और कप तीन सप्ताह से ज्यादा होना
-थकान और कमजोरी महसूस होना
- बच्चे को भूख न लगाना
बच्चों में टीबी का इलाज कैसे किया जाता है
-बच्चों को एंटी टीबी दवाएं दी जाती हैं।
-कई बच्चों का 3-6 महीने अस्पताल में इलाज चलता है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
- बच्चे को जन्म के बाद टीबी का इंजेक्शन जरूर लगवाएं।
- बच्चे के जन्म के कम से कम 6 महीने के बाद ब्रेस्टफिडिंग जरूर करें। इससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होगी।
- बच्चे के कमरे को साफ रखें और अगर वो बाहर से खेलकर आ रहा है तो हाथ- पैर धोने को कहें। इससे इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा।