घर में नेगेटिव एनर्जी को दूर रखने के लिए लोग अक्सर गणेश जी के प्रतीक स्वास्तिक को बनाते हैं। ऐसा मुख्य द्वार पर किया जाता है। वहीं पूजा के दौरान भी शुरुआत स्वास्तिक बना कर ही की जाती है। ज्यादातर स्वास्तिक लाल रंग से बनाया जाता है लेकिन आज हम आपको अलग-अलग रंग के स्वास्तिक के बारे में आपको बताएंगे कि कौन से रंग से क्या फायदा मिलता है।
किस दिशा में बनाया जाता है स्वास्तिक
आमतौर पर स्वास्तिक बनाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। इसे घर के ईशान या उत्तर दिशा की दीवार पर बनाया जाता है। इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। घर में किसी शुभ कार्य के लिए लाल रंग से स्वास्तिक बनाया जाता है। जिसमें केसर, सिंदूर, रोली, कुमकुम आदि का इस्तेमाल किया जाता हैं।
1. लाल स्वास्तिक
गृह-प्रवेश या किसी शगुन के काम में लाल सिंदूर से स्वास्तिक बनाया जाता है। इससे घर में सकारात्मकता का वास होता है और घर में सुख, शांति आती है।
2. पीला स्वास्तिक
पीला स्वास्तिक अच्छी सेहत के लिए बनाया जाता है। वहीं घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
3. काला स्वास्तिक
अगर किसी को बुरी नजर लग गई हो या बिजनेस अच्छे से न चल रहा हो तो ऐसे में घर की मुख्य द्वार पर कोयले से स्वास्तिक बनाया जाता है।
4. बुरे सपने आने पर
रात को अच्छी नींद और बुरे सपनों से बचने के लिए सोने से पहले तर्जनी उंगुली पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर सोएं। ऐसा करने से नींद अच्छी आने के साथ बुरे सपने भी नहीं आएंगे।
इन जगहों पर स्वास्तिक बनाने की गलती ना करें
बाथरूम व गंदी जगहों पर स्वास्तिक चिन्ह ना बनाएं। ऐसा करने से बुद्धि का नाश होता है। घर में तनाव, बीमारी, कलह-क्लेश का माहौल बना रहता है। अक्सर लोग नए घर में प्रवेश करने पर पूजा करवाने के साथ घर की सभी दीवारों, दरवाजों पर इसके चिन्ह बनाते हैं। ऐसे में वे बाथरूम के दरवाजे पर भी स्वास्तिक बना लेते है जो कि शुभ नहीं अशुभ ही माना जाता है।
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