उत्तर भारत की गर्मियां हर साल रिकॉर्ड तोड़ती हैं। लेकिन इस बार तो अप्रैल में ही तापमान 40 के पार पहुंच गया है। भीषण गर्मी की वजह से हमारा शरीर भी तापमान को बनाए रखने से जूझता है, जिससे सेहत को गंभीर तरह से नुकसान हो सकते हैं। हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, थकावट, दस्त, कंफ्यूजन और हीट क्रेम्प्स जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। कई लोग इस दौरान गंभीर रूप से भी बीमार पड़ जाते हैं। हीट स्ट्रोक होने पर फौरन मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है। इलाज न होने पर यह आपके दिमाग, दिल, किडनी और मांसपेशियों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। आप इलाज का जितनी देरी करेंगे, आपकी स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान होता चला जाएगा। इससे मौत भी हो सकती हैं।
लू लगना ही होता है हीट स्ट्रोक
आम भाषा में हीट स्ट्रोक को लू लगना कहते हैं। इसमें शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता है और 10 से 15 मिनट में बॉडी टेंप्रेचर 106 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। अगर स्थिति में आपातकालीन चिकित्सा नहीं मिलती को जान का खतरा हो सकता है।
ये हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण
कंफ्यूजन
साफ ना बोल पाना
सिरदर्द
सांसों का तेज होना
दिल की धड़कनों का तेज होना
शरीर बहुत ज्यादा गर्म होना
मांसपेशियों में अकड़न
दौरे
क्या करें हीट स्ट्रोक आने पर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समस्या में तुरंत बाद अस्पताल जाएं और ये काम करें
1. मरीज को धूप से दूर जगह पर ले जाएं।
2. संभव हो तो बर्फ के पानी से मरीज को नहलाएं।
3.त्वचा को गीला करें।
4. त्वचा पर ठंडा गीला कपड़े रखें।
5. मरीज के आसपास हवा रखें।
6.सिर, गर्दन, बगल और जांघ पर गीला कपड़ा रखें।
नोट- अगर आपको भी ऊपर बताए हुए हीट सट्रोक के कोई भी लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।