वीट इंटॉलरंस और ग्लूटन की बातें अब अपने देश के लोगों को भी कुछ परेशान करने लगी हैं। कुछ हद तक भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि गेहूं अचानक दुश्मन कैसे हो गया? दरअसल ग्लूटन गेहूं, जौ और जई जैसे अनाजों में मिलने वाला एक प्रोटीन है। ग्लूटन में कई तरह के तत्व होते हैं। उनमें से एक है ग्लियाडिन। ग्लूटन इसी ग्लियाडिन की वजह से खतरनाक बनता है यह ग्लूटन से एलर्जी रखने वालों के लिए हानिकारक है। जब कोई ग्लूटन सेंसिटिव शख्स ग्लूटन प्रॉडक्ट खाता है तो शरीर ग्लूटन को अपना दुश्मन समझने लगता है। असल परेशानी यही से शुरू होती है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। तो आईए जानते हैं ग्लूटन से जुड़े लक्षणों के बारे में जिससे आपको इसे पहचानने में मदद मिलेगी....
डायरिया
ग्लूटेन इन्टॉलरेंस के इलाज से पहले 79 % लोग क्रोनिक डायरिया से पीड़ित थे और 17 % लोग के इलाज के बाद भी कुछ समय तक क्रोनिक डायरिया से पीड़ित थे। ग्लूटेन इन्टॉलरेंस के कारण होने वाले क्रोनिक डायरिया को दवा लेने के बाद भी ठीक होने में चार सप्ताह लग सकते हैं और आपको सावधान रहना चाहिए कि दस्त डाइजेस्टिव डिसऑर्डर और फूड एलर्जी के लक्षण भी हो सकता है।
ब्लोटिंग
ब्लोटिंग ग्लूटेन इन्टॉलरेंस का एक बहुत बड़ा लक्षण है क्योंकि इससे पाचन तंत्र में सूजन और पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। ग्लूटेन इन्टॉलरेंस से पीड़ित लगभग 73 % लोग ब्लोटिंग का अनुभव करते हैं और जब वे अपने आहार से ग्लूटेन को पूरी तरह से हटा देते हैं, तो ब्लोटिंग कम हो जाती है। हालांकि ब्लोटिंग के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि क्रोनिक गैस, डाइजेस्टिव डिसऑर्डर और कब्ज।
वजन कम होना
वजन कम होना ग्लूटेन इन्टॉलरेंस का संकेत हो सकता है यदि यह ग्लूटेन इन्टॉलरेंस के अन्य लक्षणों के साथ दिखे, जैसे पोषण की कमी, दस्त, तनाव और डिप्रेशन भूख को कम करता है और शरीर भोजन को तोड़ नहीं पाता है। इस कारण शरीर, बुनियादी गतिविधियों को करने और रोग की जटिलताओं से लड़ने के लिए, स्टोर किए फैट का उपयोग करता है, जिसके परिणामस्वरूप वजन कम होता है।
स्किन रिएक्शन
ग्लूटेन इन्टॉलरेंस से त्वचा पर अनेक रिएक्शन जैसे डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस, सोरायसिस, क्रॉनिक यूटिकारिया और एलोपेसिया एरीटा हो सकती है।ग्लूटेन इन्टॉलरेंस से पीड़ित कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का अनुभव नहीं होता है, लेकिन उन्हें त्वचा में सूजन, खुजली और अन्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
एनीमिया
ग्लूटेन इन्टॉलरेंस के चलते छोटी आंत में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और इससे एनीमिया और अन्य नूट्रीयंट डिफ़िशन्सी हो जाती है। एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है और इसके लक्षण होते हैं- थकान, पीली त्वचा, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ और सिरदर्द।
कैसे करें ग्लूटेन इन्टॉलरेंस का इलाज
अगर आपको लगता है की आपको ग्लूटेन इन्टॉलरेंस की समस्या है तो डॉक्टर से चेकअप कराएं। वो आपके ब्लड का सैंपल लेंगे और एंटीबॉडी के लिए इसकी जांच करेंगे जो आमतौर पर सीलिएक रोगी वाले लोगों के ब्लड में होता हैं। टेस्ट करवाने से ठीक पहले, अपने आहार में कुछ ग्लूटेन शामिल करें, इससे सटीक रिजल्ट मिलेगा। अगर आप ग्लूटेन इन्टॉलरेंट हैं तो गेहूं, सूजी,राई,आटा, और कई अन्य खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में बिल्कुल भी शामिल ना करें।