कई लोग भूत प्रेत या आत्माओं में विश्वास नहीं करते, वो ऐसी बातों को अंधविश्वास मानते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसी ही जगहों पर घूमने का शौक रखते हैं। वैसे राजस्ठान और यूपी तो ऐसी जगहों के लिए खासा मशूहर है लेकिन, जब बात आती है पंजाब की तो लोग यहां बस खाने-पीने के लिए आते हैं। पंजाब अपनी संस्कृति, हरे भरे खेतों, पारंपरिक परिधानों और लजीज खाने के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यहां पर कुछ ऐसी रहस्यमयी जगहें भी हैं, जहां जाने से लोग डरते हैं। आइए जानते हैं पंजाब की सबसे डरावनी और भुतहा जगहों के बारे में....
चंडीगढ़ का हॉन्टेड हाउस
ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ में एक ऐसा घर है, जिसके आसपास जाने से हर कोई कतराता है। ये है चंडीगढ़ के सेक्टर 16 का घर । कहा जाता है कि इस घर में आत्माएं रहती हैं। इस घर को लेकर एक कहानी प्रचलित है कि इस घर में रहने वाले कई लोगों ने अचानक ही आत्महत्या कर ली थी। लोगों को यह नहीं पता चल सका कि कई लोगों को आत्महत्या क्यों की। लेकिन इस घर के आसपास लोग जाना नहीं चाहते।
कपूरथला का भूत बंगला
कई एकड़ जमीन पर फैले कपूरथला के बंगले को असुरक्षित घोषित किया गया है। भूत बंगले में अजीबो गरीब आवाजें सुनाई देती हैं। कहा जाता है कि शाम के वक्त भूत वहां से गुजरने वालों को अपनी ओर बुलाते हैं। इस कारण शाम होते ही लोग इस बंगले के आसपास जाने की हिम्मत नहीं करते हैं।
अमृतसर रेलवे ट्रैक
पंजाब के अमृतसर जिले में भी एक ऐसी ही डरावनी जगह है। यह जगह अमृतसर का एक रेलवे ट्रैक है, जहां कई लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। दरअसल , साल 2018 में दशहरा के मेला पास में ही लगा था, लोग पटरी के किनारे बैठे उत्सव देख रहे थे। लेकिन अचानक भगदड़ मच गई और उसी वक्त ट्रेन पटरी से गुजरी। इस दौरान हादसे में लगभग 62 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद से स्थानीय लोग सूरज ढलने के बाद पटरी के पास नहीं जाते। कहा जाता है कि मरने वाले लोगों की आत्मा पटरी पर भटकती है।
बठिंडा का टेलीफोन एक्सचेंज
बठिंडा शहर में एक मशहूर रेलवे टेलीफोन एक्सचेंज हैं, जो अपनी डरावनी कहानियों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि ब्रिटिश काल में यहां पोस्टमार्टम रूम हुआ करता था, जहां लाशों को कई महीनों तक रखा जाता था और उनपर रिसर्च होती थी। बाद में भवन को टेलीफोन एक्सचेंज में बदल दिया गया। इस जगह पर शाम होने के बाद डरावनी आवाजों को सुना गया है। इसलिए लोग शाम होने के बाद यहां नहीं जाते हैं।