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संजय दत्त की जिंदगी का वो मनहूस दिन, जब 3 घंटे तक रोए थे फूट- फूट कर

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Sep, 2025 01:39 PM
संजय दत्त की जिंदगी का वो मनहूस दिन, जब 3 घंटे तक रोए थे फूट- फूट कर

नारी डेस्क: संजय दत्त की ज़िंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही है। उन्होंने अपनी फिल्मों से जितनी शोहरत पाई, उतने ही उतार-चढ़ाव उन्होंने निजी जीवन में देखे हैं। 2020 में संजय दत्त को फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) की गंभीर बीमारी होने की जानकारी मिली थी। यह स्टेज 3 कैंसर था, जिससे लड़ना आसान नहीं था। कुछ महीनों के इलाज और मजबूत जज्बे के बाद संजय दत्त ने कैंसर को मात दी। हाल ही में उन्होंने अपने इस सबसे मुश्किल दौर के बारे में बात की। 
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एक्टर ने बताया कि कैसे उन्होंने इस चौंकाने वाली खबर का सामना किया और इसका सामना करने की हिम्मत पाई। पिछले दिनों यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया से उनके पॉडकास्ट पर बात करते हुए, 'खलनायक' अभिनेता ने खुलासा किया था कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें कोविड-19 का पता चला था और शुरुआत में उन्हें यह खबर समझ नहीं आई थी। उन्होंने कहा-  "लॉकडाउन में यह एक सामान्य दिन था। जब मैं सीढ़ियां चढ़ रहा था, तो मेरी सांस पूरी तरह फूल रही थी, मैं सांस नहीं ले पा रहा था, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है, इसलिए मैंने अपने डॉक्टर को फोन किया।
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एक्टर ने आगे बताया-  एक्स-रे में, मेरे आधे से ज़्यादा फेफड़े पानी से भरे हुए थे। उन्हें पानी को टैप करके बाहर निकालना पड़ा। वे सभी उम्मीद कर रहे थे कि यह टीबी (क्षय रोग) है, लेकिन यह कैंसर निकला।" उन्होंने बताया कि बाकी सब के आगे मैं बिल्कुल ठीक रहा   लेकिन मैं दो-तीन घंटे रोया क्योंकि मैं अपने बच्चों, अपनी ज़िंदगी, अपनी पत्नी और बाकी सब चीज़ों के बारे में सोच रहा था, ये विचार मेरे मन में आए और मैंने सोचा, अब मैं कमज़ोर होना बंद कर दूंगा।

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 एक्टर ने बताया कि कैसे उनके परिवार ने उनके इलाज का इंतज़ाम किया और कैसे ऋतिक रोशन के पिता राकेश रोशन ने एक डॉक्टर की सिफ़ारिश की। संजय दत्त ने कहा-  "डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरे बाल झड़ेंगे और कुछ और भी होगा, मुझे उल्टी होगी, इसलिए मैंने डॉक्टर से कहा 'मेरे लिए कुछ नहीं होगा', मेरे बाल नहीं झड़ेंगे, मुझे उल्टी नहीं होगी, मैं बिस्तर पर नहीं लेटूंगा, और वह मुस्कुराईं। संजय दत्त ने बताया- मैंने अपनी कीमोथेरेपी करवाई, और वापस आकर उस बाइक पर एक घंटे तक बैठा और साइकिल चलाई, मैं ऐसा दिन-ब-दिन, हर दिन करता रहा। हर कीमो (सेशन) के बाद मैं ऐसा करता था। यह बहुत अजीब था, मैं कीमो के लिए दुबई जाता था, और फिर मैं बैडमिंटन कोर्ट जाता था और दो-तीन घंटे खेलता था।"  उनका कहना है कि  इस बीमारी से लड़ने का एकमात्र तरीका इसे चुनौती देना है।अक्टूबर  2020 में, संजय दत्त ने घोषणा की कि वह कैंसर मुक्त हैं, जिससे उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों को बहुत खुशी हुई। उन्होंने अपने ठीक होने का श्रेय अपनी दृढ़ता और अपने परिवार के सहयोग को दिया।
 

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