15 अगस्त के दिन अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबानियों ने अपना शासन लागू कर दिया है। इसी बीच बिते बुधवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुज़ाहिद कैमरों के सामने पहली बार आए औऱ इस दौरान उन्होंने महिलाओं के लिए नए कायदे और नियमों का ऐलान किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आज़ाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है। उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गौरव का पल बताया है।
मुज़ाहिद ने इस दौरान कहा कि हम शरिया कानून के तहत महिलाओं के हक़ तय करेंगे और महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
महिला पत्रकार ने तालिबानी लड़ाकों से पूछे अपने हकों पर सवाल
वहीं इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महिला पत्रकार तालिबानी लड़ाकों से महिलाओं के हक पर सवाल पूछती है और इस दौरान जब पत्रकार महिलाओं के अधिकार की बात करती है, तो तालिबानी लड़ाके की हंसी छूट जाती है।
क्या जल्द ही कोई तालिबानी राष्ट्रपति होगा
हालांकि ये वीडियो पुराना है, लेकिन तालिबानियों के अफगान पर कब्जे करते ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड में आ गया है। वीडियो में महिला पत्रकार पूछती है कि क्या जल्द ही कोई तालिबानी राष्ट्रपति होगा, जिसपर तालिबानी लड़ाके द्वारा जवाब दिया जाता है कि ऐसा जल्द ही होगा।
क्या तालिबानी महिलाओं को लोकतांत्रिक अधिकार देंगे, इस पर छूटी लड़ाके की हंसी
इसके आगे पत्रकार ने महिलाओं की हिस्सेदारी के बारे में पूछा, जिसपर तालिबानी लड़ाके ने कहा कि शरिया कानून के तहत महिलाओं को आजादी दी जाएगी। इसके दूसरे वाल पर जब पत्रकार ने पूछा कि क्या महिलाओं को लोकतांत्रिक अधिकार मिलेंगे, क्या वो चुनाव लड़ पाएंगी, इसी पर तालिबानी लड़ाके की हंसी छूट गई, और हंसते हुए तालिबानी लड़ाके ने वीडियो बंद करने को कह दिया।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय संस्था VICE की तालिबान पर डॉक्यूमेंट्री का एक हिस्सा है, जिसमें महिला पत्रकार Hind Hassan तालिबानी लड़ाकों से कुछ सवाल पूछ रही है।
इस बार अपनी नई छवि पेश करने की कोशिश कर रहा है तालिबान
बता दें कि तालिबान इस बार अपनी अलग ही नई छवि पेश करने की कोशिश कर रहा है उनका कहना है कि हमने अपने सभी विरोधियों को माफ कर दिया है कोई बदलने की भावना नहीं होगी। तालिबान द्वारा कहा गया है कि वह शरिया नियमों के तहत सभी को काम करने की छूट देगा, जिसमें महिलाएं भी शामिल होंगी लेकिन वहां के स्थानीय लोगों को तालिबानियो पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं है जिसके चलते वह अपने बच्चों को लेकर वहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं।
1996-2001 में तालिबान ने की थी अफगान की महिलाओं की ये हालत
1996 से 2001 के तालिबान ने अफगान पर क्रूर शासन किया था। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन, रोजगार और शिक्षा से वंचित कर दिया था। बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया गया और एक पुरुष संरक्षक या महरम के बिना उनके घर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। हजारों महिलाओं को यौन दासता में झोंक दिया था, इतना ही नहीं तालिबानी कानूनों का उलंघन करने पर उनके हाथ-पैर और नाक काट दी जाती थी।