जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है वैसे-वैसे बच्चे स्ट्रेस का शिकार होने लगते हैं। शिक्षकों और परिवार वालों की उम्मीदें भी बच्चे के तनाव का कारण बन सकती है। कई बार तो बच्चे इतना तनाव ले लेते हैं कि पढ़ाई में भी अच्छे से ध्यान नहीं लगा पाते। इसके अलावा एग्जाम के स्ट्रेस के कारण बच्चे के मानसिक और शारीरिक दोनों रुपों से प्रभावित होते हैं। पेरेंट्स बच्चे के तनाव का कारण जानकर उनकी समस्या से निकलने में मदद कर सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं एग्जाम का तनाव होने पर बच्चे में क्या-क्या लक्षण दिख सकते हैं...
व्यवहार में बदलाव आना
परीक्षा का समय नजदीक आने पर यदि बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है तो यह तनाव का कारण हो सकता है। इसके अलावा यदि बच्चा शांत या मायूस रहने लगे तो भी उसे स्ट्रेस हो सकता है। इसके अलावा यदि बच्चा हंसमुख और ज्यादा बोलने वाला है लेकिन फिर भी वह शांत रह रहा है तो इसका मतलब यह है कि बच्चा तनाव का शिकार हो रहा है।
अच्छे से नींद न आना
अगर बच्चों को परीक्षा का तनाव है तो उन्हें रात को नींद लेने में भी परेशानी होगी। तनाव के कारण नींद न आने के अलावा बच्चे को सोते समय भी बैचेनी हो सकती है। यदि परीक्षा के दौरान बच्चे को पर्याप्त नींद नहीं आ रही या फिर सोने के बाद भी बीच-बीच में बच्चा जाग रहा है तो यह भी तनाव का एक कारण हो सकता है।
हर समय पढ़ते रहना
पढ़ाई के दौरान बच्चों के मन में हर समय डर बना रहता है। अपना सिलेबस पूरा करने और अच्छे परिणाम लाने के लिए बच्चे कई बार ज्यादा पढ़ाई करने लगता है। कई बच्चे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी डरे रहते हैं और हर समय पढ़ते रहते हैं। ऐसे में यदि आपका बच्चा भी हर समय पढ़ रहा है तो यह भी एग्जाम का तनाव हो सकता है।
चिड़चिड़ा स्वभाव
तनाव के कारण बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं। यदि आपका बच्चा छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करता है तो यह भी तनाव के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप उसे डांटने की जगह उसकी मदद करें और उसका पूरा साथ दें।
खाने-पीने में बदलाव
अगर एग्जाम के दौरान बच्चे के खाने-पीने की तरीकों में बदलाव हो रहा है तो आप इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। यदि बच्चे बहुत कम या अचानक से ज्यादा खाने लगे हैं तो इसका अर्थ है कि वह तनाव का शिकार हो रहे हैं।