दिल, फेफड़े और लिवर जैसे ही हमारे शरीर मे किडनी यानि की गुर्दों का भी अहम रोल है। जब किडनी अपना काम सहीं तरीके से नहीं करती तो व्यक्ति का स्वास्थय गड़बड़ाने लगता है। किडनी का काम ही हमारे शरीर से विषैले तत्वों को यूरिन के जरिए बाहर निकालना है लेकिन जब किडनी यह काम ठीक ढंग से ना करें तो इसके पीछे बड़ी हैल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। जैसे किडनी इंफेक्शन, फेलियर या किडनी का कैंसर। बाकी कैंसर की तरह ही किडनी कैंसर में भी असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और जब ये कोशिकाएं बहुत ज्यादा इक्ट्ठी हो जाती है तो यह ट्यूमर बन जाती हैं जिससे कैंसर की शुरूआत होती है। किडनी में जब कैंसर की शुरूआत होती हैं तो शरीर कुछ संकेत देने शुरू कर देता है जिसे ज्यादातर मरीज द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको किडनी कैंसर से जुड़ी जानकारी ही देते हैं।
क्या होता है किडनी कैंसर?
एक्सपर्ट्स की मानें तो किडनी कैंसर की शुरुआत तब होती है जब एक या दोनों ही किडनी की कोशिकाओं में किसी तरह का बदलाव होने लगता है। ऐसे में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। जिससे कोशिकाओं का एक समूह बन जाता है, जिसे रीनल कॉर्टिकल ट्यूमर कहते हैं। यह ट्यूमर ज्यादा गंभीर भी हो सकता है। लगातार ट्यूमर बढ़ने के कारण कैंसर भी हो सकता है। कोशिकाओं में होने वाला बदलाव मुख्य तौर पर डीएनए में बदलाव के कारण हो सकता है।
दिखते हैं ऐसे संकेत
किडनी शरीर का मुख्य अंग है इसलिए न तो इसे आप देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। इसी वजह से किडनी के कैंसर का पता भी आसानी से नहीं चल पाता। इसके अलावा किडनी में समस्या होने पर शरीर में कुछ सामान्य संकेत दिखाई देते हैं। इन संकेतों को कई बार लोग शुरुआत में नजरअंदाज भी कर देते हैं। यही मुख्य कारण है कि आखिरी यानी की तीसरी या फिर चौथी स्टेज पर पहुंच जाने के बाद ही लोगों को किडनी के कैंसर का पता चलता है जिसके कारण इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता है और कई बार तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
लक्षण
किडनी कैंसर के मुख्य लक्षण होते हैं यूरिन के साथ खून आना, हालांकि पेशाब के साथ खून अन्य कई रोगों में भी आता है। मगर यदि आपके शरीर में कुछ लक्षण दिखते हैं तो इनकी तुंरत जांच करवाएं। जैसे
. कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
. पेट या पीठ के निचले हिस्से में कोई गांठ या भारी चीज का महसूस होना
. बार-बार बुखार का आना
. रात में सोते हुए पसीना आना
. थकान और आलस्य रहना
. अंदर से बीमार महसूस करना
. ऐसे ही वजन कम होना
. पैरों और पंजों में सूजन रहना
कैसे करें इससे बचाव?
किडनी कैंसर से बचने के लिए शराब, धूम्रपान जैसी चीजों से दूरी बनाएं। इसके अलावा, वजन को कंट्रोल में रखें और एक्सरसाइज व संतुलित आहार जरुर लें। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें। किडनी से संबंधित यदि शरीर में किसी भी तरह का यदि बदलाव दिखाई दे तो उसे नजरअंदाज न करें।