सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर जी का आज जन्मदिन है। लता जी का हिंदी सिनेमा में काफी योगदान है। उन्होंने हजारों गाने गए। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए लता जी ने गाना शुरू किया। 13 साल की उम्र में लता जी के पिता की मौत हो गई और घर की जिम्मेदारी उनपर आ गई। उन्हें सिंगिंग के अलावा कुछ नहीं आता था ऐसे में उन्होंने प्लेबैक सिंगर का काम ढूंढना शुरू किया। उनके लिए यह सब आसान नहीं था लेकिन वो डटी रही और आखिरकार बॉलीवुड की टॉप सिंगर बन गई।
आज लता जी की आवाज का हर कोई दीवाना है। लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे. इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। यतींद्र मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा' के मुताबिक, एक वक्त में लता जी पानी पीकर ही पूरा दिन गुजार लेती थीं। इस किताब ‘लता सुर गाथा' में बताया, ''मैं अक्सर रेकॉर्डिंग करते-करते थक जाती थी और मुझे बड़ी तेज भूख भी लग जाती थी। उस समय रेकॉर्डिंग स्टूडियो में कैंटीन होती थी, मगर खाने के लिए कुछ बेहतर मिलता हो ऐसा मुझे याद नहीं. सिर्फ चाय और बिस्किट वगैरह मिल जाते थे और एक दो कप चाय या ऐसे ही दो-चार बिस्किटों पर पूरा दिन निकल जाता था। कई बार तो सिर्फ पानी पीते हुए ही दिन बीता और यह ध्यान ही नहीं रहा कि कैंटीन जाकर मुझे चाय भी पी लेनी चाहिए। हमेशा यह बात दिमाग में घूमती थी कि किसी तरह बस मुझे अपने परिवार को देखना है.''
एक वक्त में कुछ रुपए कमाने वाली लता जी आज वो करोड़ों की प्रॉपर्टी की मालकिन है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मशहूर सिंगर लता मंगेशकर की कुल प्रोपर्टी करीब 50 मिलियन अमरीकी डालर के आसपास है. जो कि भारतीय रुपयों में करीब 368 करोड़ रुपए होती हैं। लता जी दक्षिण मुंबई के पेडर रोड पर स्थित प्रभुकुंज भवन में रहती हैं। खबरों के मुताबिक, लता मंगेशकर कारों की भी शौकीन है।
बॉलीवुड में कई सेलेब्स लता जी के बेहद करीब है। दिलीप कुमार लता जी को अपनी छोटी बहन मानते थे। लता जी ने खुद बताया था कि बॉलीवुड में वो जिसे सबसे करीब मानती हैं तो वो दिलीप कुमार ही हैं। वही जब दिलीप कुमार का निधन हुआ तो लता जी टूट गई। लता जी को उदित नारायण की गायकी भी काफी पसंद है। एक बार लता जी ने अपने जन्मदिन पर उदित को सोने की चेन गिफ्ट की थी।
इस बारे में उदित ने बताया था, '1992 में बैंगलोर के एक स्टेडियम में शो था। 1 दिसंबर को मेरा जन्मदिन होता है तो संयोग से उसी वक्त ही हमारा शो वहां था. वहां मदन मोहन साहब के बेटे संजीव कोहली ने लता जी के कान पर जाकर कह दिया कि आज उदित का बर्थडे है. वहां स्टेज पर लगभग दो तीन लाख लोग मौजूद थे. उन्होंने सबके बीच मुझे सोने की चेन गिफ्ट की और वहां के एंकर को कहा कि आज अनाउंसमेंट कर दो कि उदित नारायण प्लेबैक सिंगिग के प्रिंस हैं. ये टाइटल लता जी ने ही मुझे दिया गया है.'
लता जी को लेकर एक सवाल जो हमेशा उनके चाहने वालों के जेहन में आता है कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की तो आपको बता दें कि इसके पीछे भी कई सारे कारण थे। एक तो बेहद कम उम्र में ही उनके ऊपर पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी थी। बड़ी बेटी होने के नाते भाई-बहनों की जिंदगी को संवारने में वे इतनी व्यस्त रहीं कि अपनी शादी के बारे में सोचने का उन्हें कभी मौका ही नहीं मिला और एक बड़ा कारण था डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह।
राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह और लता मंगेशकर के रिश्ते की कई खबरें अकसर मीडिया में आती रही। राज सिंह की दोस्ती लता मंगेशकर के भाई से थी। दोनों एक साथ क्रिकेट खेला करते थे। वक्त के साथ उनकी दोस्ती लता जी से हो गई।
दोनों एक-दूसरे को पसंद करने के बावजूद शादी नहीं कर पाए और इसके पीछे की वजह थी राज सिंह का अपने पिता से किया गया वादा। ऐसा कहा जाता है कि राज सिंह ने अपने माता-पिता से यह वादा किया था कि वो किसी भी आम घर की लड़की को बहू बना कर राजघराने में नहीं लाएंगे। शायद यही वजह रही होगी कि उन्होंने लता जी से अपने रिश्ते को कोई नाम न दे सके। यही नहीं राज सिंह ने भी शादी नहीं की।