नारी डेस्क: प्रशांत महासागर में 18 सितंबर 2025 को उठने वाला सुपर टाइफून Ragasa अब पूरी तैयारी के साथ पांच देशों में तबाही मचाने को तैयार है। फिलीपींस, थाईलैंड, ताइवान, हांगकांग और चीन में तूफानी हवाओं और भारी बारिश के कारण इमरजेंसी और हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके चलते फ्लाइट्स, स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं और समुद्र तटों के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं।
तूफान Ragasa की उत्पत्ति और बढ़ोतरी
18 सितंबर को फिलीपींस के पास प्रशांत महासागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बना। इसके चलते 20 सितंबर तक उष्णकटिबंधीय हवाएं चलने लगीं, जो 21 सितंबर की सुबह तक सुपर टाइफून का रूप ले गई। जापान में इसे Ragasa और फिलीपींस में Nando नाम दिया गया। 21 सितंबर को यह तूफान फिलीपींस के कागायान में समुद्र तट से लगभग 450 किलोमीटर दूर था। 22 सितंबर तक यह लुजोन स्ट्रेट पार कर साउथ चीन सागर में एंट्री करेगा और फिर हांगकांग और थाईलैंड की तरफ बढ़ेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 24 सितंबर तक यह तूफान कमजोर पड़ जाएगा।
Ragasa कितना खतरनाक है?
फिलीपींस और हांगकांग की मौसम एजेंसियों के अनुसार, कैटेगरी-5 सुपर टाइफून Ragasa की हवाओं की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुँच सकती है, जबकि तूफानी झोंके 230 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकते हैं। समुद्र की सतह का तापमान लगभग 30 डिग्री सेल्सियस होने और कम विंड शीयर की वजह से तूफान को अतिरिक्त ताकत मिली है।
पहले ही लैंडफॉल और नुकसान
21 सितंबर को Ragasa ने फिलीपींस के नॉर्थ लुजोन के कागायान और अपर्री में लैंडफॉल किया। भारी बारिश और तूफानी हवाओं के चलते भूस्खलन की घटनाएं हुईं। इस तूफान में 5 लोगों की मौत हुई। लगभग 50,000 लोग बेघर हुए। फसलें तबाह होने से लगभग 500 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया।
आगे का रास्ता और संभावित असर
22 सितंबर तक तूफान का असर ताइवान में दिखेगा। ताइवान सरकार ने फ्लाइट रद्द और बाढ़ चेतावनी जारी की। 24 सितंबर को Ragasa हांगकांग के पास पहुंचेगा। यहां हवाओं की रफ्तार 210 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है और समुद्र तट के आसपास बाढ़ का खतरा है। इसके बाद तूफान दक्षिण चीन सागर में प्रवेश करेगा और ग्वांगडोंग, चीन के तट पर लैंडफॉल कर सकता है। वियतनाम में भी भारी बारिश और तूफानी हवाओं की संभावना है। बिजली और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
भारत पर Ragasa का असर
जॉइंट टाइफून वार्निंग सेंटर और हांगकांग वेधशाला के अनुसार, टाइफून Ragasa का भारत पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा। भारत से यह लगभग 3000-4000 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में सक्रिय है। इसके कारण भारत के पूर्वी तट, अंडमान-निकोबार और ओडिशा पर कोई खतरा नहीं है।
सुपर टाइफून Ragasa ने अपनी ताकत पहले ही दिखा दी है। पांचों प्रभावित देशों ने हाई अलर्ट और इमरजेंसी घोषित कर दी है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र तटों से दूर रहें, सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट हों और मौसम अपडेट नियमित रूप से देखें।