एक्ट्रेस श्वेता तिवारी पिछले काफी वक्त से पति अभिनव के साथ चल रहे विवादों को लेकर चर्चा में है। दोनों ही आए दिन एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं। यहां तक कि अभिनव ने साल 2017 से जुड़े एक पुराने विवाद को लेकर श्वेता तिवारी के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया था। अभिनव का कहना था कि श्वेता ने फर्जी साइन कर उनके बेटे रियांश का ब्रिटेश वीजा बनवाया था। वहीं अब इस मामले में श्वेता को राहत मिल गई है।
एक वेबसाइट के मुताबिक, श्वेता तिवारी पर साल 2017 के आरोप के आधार पर अभिनव कोहली ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। सूत्रों के मुताबिक यह एफआईआर थोड़ी अजीब थी क्योंकि अभिनव ने उसी साल श्वेता तिवारी को खुद एक NOC दिया था जिसके अनुसार वह जिस देश में जा रही थी उसी देश के लिए बेटे रियांश का वीजा अप्लाई कर सकती थी। अब सवाल यह उठता है कि अगर श्वेता तिवारी ने NOC पर अभिनव के फेक साइन किए थे तो फिर उसी साल बाद एक और NOC क्यों दिया जो कि बेटे के उसी देश में यात्रा करने को लिए वीजा को लेकर था।
खबरों के मुताबिक अगर साल 2017 में फेक साइन वाला का किया गया तो अभिनव ने 2021 तक का इंतजार क्यों किया? इसी वजह के चलते श्वेता तिवारी को कोर्ट ने जमानत दे दी। बता दें अभिनव न श्वेता के खिलाफ जालसाजी करने के आरोप में बांद्रा कुर्ला काॅम्पलेक्स पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया था। एक्ट्रेस पर बेटे के पासपोर्ट में पति अभिनव कोहली के नकली साइन करवाने का आरोप लगा था। श्वेता तिवारी के खिलाफ 1 मार्च को धारा 467, 468, 417, 418, 463 और 465 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।
एक इंटरव्यू में अभिनव कोहली ने कहा था कि श्वेता उनके बेटे को उनसे दूर ले जाना चाहती है। एक्ट्रेस ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर रेयांश का यूके का वीजा बनवाने की कोशिश की थी। उनके पास इसके सबूत भी है। अभिनव का कहना है कि श्वेता उनके बेटे को अमेरिका या फिर यूके लेकर जाना चाहती हैं क्योंकि इन देशों के कानून के मुताबिक बच्चे के वीजा पर दोनों पेरेंट्स के साइन जरूरी होते हैं। जबकि उन्होंने किसी भी एनओसी पर साइन नहीं किए हैं।