बच्चे का जन्म होने के बाद अचानक से नई जिम्मेदारियां, शारीरिक और मानसिक बदलाव के कारण महिलाएं इमोशनली कमजोर हो जाती हैं। इसके चलते वह कई बार पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण उन्हें उदासी, बात-बात पर चिड़चिड़ाहट होना, नेगेटिव ख्याल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई महिलाओं में तो यह जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन कुछ महिलाओं में यह समस्या लंबे समय तक चलती हैं। यह डिलीवरी के तुरंत बाद या फिर 4 हफ्तों के अंदर हो सकता है। कई बार तो महिलाएं इससे बाहर निकलने के लिए कई तरह की दवाईयां भी खाती हैं। दवाईयों की जगह आप कुछ तरीके आजमाकर पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम कर सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
पूरी नींद लें
बच्चा हो जाने के बाद महिलाओं की नींद भी पूरी नहीं हो पाती। नींद पूरी न होने के कारण उन्हें पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। ऐसे में यदि आपका बच्चा रात में नहीं सोता तो दिन में उसे लेकर सोएं। बच्चे को संभालने के लिए आप किसी घर की व्यक्ति की मदद भी ले सकते हैं। नींद की कमी के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन आ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि पूरी नींद लें।
डाइट का ध्यान रखें
शरीर में कमजोरी होने के कारण भी महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो सकती हैं। ऐसे में इस दौरान खुद को हेल्दी रखने के लिए डाइट का ध्यान रखें। फाइबर, कैल्शियम और प्रोटीन युक्त चीजें अपनी डेली रुटीन में शामिल करें। फाइबर की मात्रा ज्यादा होने पर आपका पेट अच्छे से साफ हो पाएगा जिससे आपका पाचन तंत्र भी मजबूत बनेगा। इसके अलावा भरपूर मात्रा में पानी पिएं। सब्जियां, फल, साबुत अनाज, अलसी के बीजों का तेल, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट लें।
तनाव न लें
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए किसी भी तरह का प्रेशर न लें। घर, ऑफिस या बच्चे किसी भी चीज का स्ट्रेस न लें। आप चाहें तो किसी ऐसी महिला की मदद ले सकते हैं जिसकी डिलीवरी अभी हुई हो। इससे आपको काफी कुछ जानने को मिलेगा और आपका तनाव भी दूर होगा।
लोगों के साथ बात करें
इससे राहत पाने के लिए परिवार, दोस्तों या करीबियों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। किसी के साथ समय बिताने से आप व्यस्त रहेंगे और आपका मन भी स्थिर रहेगा। आप किसी के साथ वॉक या फिर कॉफी पर जा सकती हैं। किसी के साथ वॉक पर जाने से आपको असर दिखने लगेगा।
सैर करें
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए आप घर की छत, बालकनी या किसी पॉर्क में जाकर सैर करें। वॉक का ऐसा समय आप रख सकती हैं जब बच्चा सोता है। वॉक करने से आप लोगों से बात करेंगे जिससे आपका दिमाग डाइयवर्ट होगा और आपका डिप्रेशन भी दूर होगा।