शनि देव का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय आता है। कहते हैं कि शनि देव सब के कर्मों का हिसाब रखते हैं और उनकी टेढ़ी द्दष्टी जिसपर भी पड़ती है, उनका जीवन उथल- पुथल हो जाता है। वहीं शनि देव की पूजा को लेकर भी कुछ नियम है जैसे महिलाएं शनि देव को तेल नहीं चढ़ा सकती हैं और ना ही उन्हें छू सकती हैं। आइए आपको बताते हैं शनि देव की पूजा से जुड़े कुछ और नियम...
इस रंग के वस्त्र पहन कर करें पूजा
शनि देव की पूजा के लिए स्नान करने के बाद, काले या नीले रंग के वस्त्र पहन कर शनि देव के चरणों में दीपक जलाएं। माना जाता है कि शनि देव को काला और नीला रंग प्रिय है। शनि देव के चरणों में दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
इस दिशा में रखकर करें पूजा
शनि देव की पूजा करने से सही दिशा का ध्यान कर लें। पूर्व दिशा शनि देव की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है। साथ ही शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं तो उनकी पूजा पश्चिम दिशा में मुंह करके भी की जा सकती है।
इस धातु का हो पूजा पात्र
वैसे तो भगवान की पूजा में तांबे के पात्र इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन शनि देव की पूजा सामग्री भूलकर भी तांबे के पात्र में न रखें। कहा जाता है सूर्य देवता को तांबा अति प्रिय है, शनि देन के पिता सूर्य देव हैं और वे अपने पिता से दूर रहते हैं, जिसके कारण शनि देव की पूजा के समय लोहे के पात्र का इस्तेमाल शुभ माना जाता है, क्योंकि शनि देव को लोह बहुत प्रिय है।