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सीमा पर बिगड़े हालात, जम्मू के 5 जिलों से लोगों की शिफ्टिंग, CM उमर अब्दुल्ला की कड़ी चेतावनी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 10 May, 2025 10:34 AM
सीमा पर बिगड़े हालात, जम्मू के 5 जिलों से लोगों की शिफ्टिंग, CM उमर अब्दुल्ला की कड़ी चेतावनी

नारी डेस्क:  भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के चलते जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में हालात काफी गंभीर हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से हो रही लगातार गोलीबारी और हमलों को देखते हुए जम्मू क्षेत्र के कम से कम पांच जिलों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। इस गोलाबारी में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 60 लोग घायल हुए हैं।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने लिया राहत शिविरों का जायजा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डिप्टी सीएम सुरेंद्र चौधरी और मंत्री सतीश शर्मा के साथ जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों में बनाए गए राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने विस्थापित लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी हर जरूरत का ध्यान रख रही है।

राजौरी-पुंछ से 10 हजार लोगों को किया गया शिफ्ट

राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती इलाकों से अब तक 8 से 10 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। उन्हें राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयों और रहने की सुविधाएं दी जा रही हैं। मंत्री सतीश शर्मा ने जानकारी दी कि सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान लगातार LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर गोलाबारी कर रहा है।

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सीएम की जनता से अपील – घर से बाहर न निकलें

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मिश्रीवाला, नागबनी, बिश्नाह और ठंडी खुई में राहत केंद्रों का दौरा करते हुए अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जम्मू और आसपास के लोगों से घरों में ही रहने और अनावश्यक रूप से सड़कों पर न निकलने की अपील की। उन्होंने कहा, "कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।"

सरकार की प्राथमिकता – लोगों की जान की सुरक्षा

राज्य सरकार और सेना की पहली प्राथमिकता लोगों की जान की सुरक्षा है। सभी जरूरी सेवाएं सक्रिय हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। सरकार ने नागरिकों से संयम बरतने और किसी भी तरह की अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।

इस समय जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में तनाव बना हुआ है, लेकिन प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
  

 

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