भारत की तकनीकी विकास में वैज्ञानिकों ने बहुत ही योगदान दिया है। ऐसे ही कुछ वैज्ञानिकों ने भौतिक विज्ञान में किए गए अपने प्रदर्शकों से देश को कई सारे की सहुलतें दी है। नोबेल समिती ने वैज्ञानिकों के शानदार शुरुआत के लिए एलेन एस्पेक्ट(Alain Aspect), जॉन एफ क्लॉसर(John F Clauser) और एंटोन जिलिंगर(Anton Zeilinger) के योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया है। इन वैज्ञानिकों ने क्वांटम प्रोद्योगिकी के एक नए युग की नींव रखी है। तकनीकी युग में इनके परिश्रम और प्रयासों को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने यह निर्णय लिया है।
क्वांटम ने खोले दूसरी दुनिया के दरवाजे
क्वांटम सूचना विज्ञान का एक जीवंत और तेजी से विकसित हुआ क्षेत्र है। इसकी भविष्यवाणी ने दूसरी दुनिया के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। साथ ही इसके तकनीकी विकास से यंत्रों को मापने की क्रिया भी पूरी तरह से बदल गई है।
तीनों वैज्ञानिकों के अभूतवपूर्व योगदान के लिए किया गया सम्मानित
समिति ने तीनों वैज्ञानिकों को क्वांटम के लिए उनके पूरे योगदान के लिए सम्मानित किया। क्वांट्म के अभूतपूर्व योगदान के साथ उन्होंने कई चीजों को आसान किया है।
2021 में इन वैज्ञानिकों को मिला था पुरस्कार
पिछले साल यानी की 2021 में जलवायु परिवर्तन और मानवता में भूमिका निभाने के लिए स्यूकुरो मनाबे(Syukuro Manabe), क्लाउस हैसलमैन(Kalause Hasselman) और जियोर्जियो पेरिस(GiorgioParisi) को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
स्वांते पाबो को भी इस साल मिला पुरस्कार
इस साल फिजियोलॉजी या मेडिसिन पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो की मिला। उन्होंने 40,000 साल पुरानी हड्डियों से अनुंवाशिक सामग्री को पुन: प्राप्त करके एक पूर्ण निएंडरथल नाम जीनोम का निर्माण करके पुराने डीएनए अध्ययन के क्षेत्र की शुरुआत करके मानव इतिहास में वापस देखा ।
कब आयोजित होंगे अगले नोबेल पुरस्कार
अगला नोबेल पुरस्कार बुधवार को स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के द्वारा दिया जाएगा। इससे पहले पिछले साल बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यू.सी मैकमिलन को एक नए उपकऱण के विकास के लिए मिला था। उन्होंने अपनी इस तकनीकी विकास से नई दवाईओं के अनुसंधान को बढ़ावा दिया था और पर्यावरण पर रसायन विज्ञाान के प्रभाव को भी कम किया था।
इसके अलावा साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार गुरुवार स्टॉकहोम में स्वीडिश अकेडमी के द्वारा दिया जाएगा। पिछले साल यह पुरस्कार अब्दुलराजाक गुरनाह ने उपनिवेशवाद के प्रभावों, संस्कृतियों और महाद्वीपों के भाग्य के लिए अपने अडिग और करुणामय प्रवेश के लिए जीता था।
नोबेल पुरस्कार शुक्रवार को ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान के द्वारा प्रदान किया था। पिछले साल यह अवॉर्ड दोनों पत्रकार मारिया रसा और दिमीत्रा ए, मुराटेव ने प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के संघर्ष में अपने प्रयासों के लिए जीता था।
अार्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार सोमवार को स्टॉकहोम में स्वीडिश अकेडमी के द्वारा दिया जाएगा। पिछले साल यह पुरस्कार डेविड कार्ड, जोशुआ डी. एंग्रिस्ट और गुइडो डब्लयू, इम्बेन्स को मिला था।