25 MARTUESDAY2025 1:59:50 AM
Nari

पिछले 5 साल से इस बीमारी से जूझ रही Sana Makbul, जिसके चलते छोड़ना पड़ा चिकन-मटन

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 12 Mar, 2025 05:23 PM
पिछले 5 साल से इस बीमारी से जूझ रही Sana Makbul, जिसके चलते छोड़ना पड़ा चिकन-मटन

नारी डेस्क: एक्ट्रेस सना मकबूल को आप सभी बिग बॉस ओटीटी सीजन 3 के विजेता के रूप में जानते होंगे। इस शो के बाद उनकी पॉपुलैरिटी और भी बढ़ गई है। सना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और उनकी तस्वीरें और वीडियो अक्सर वायरल होते रहते हैं। हाल ही में सना मकबूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी गंभीर बीमारी के बारे में खुलासा किया है।

सना मकबूल की बीमारी का खुलासा

हाल ही मे भारती सिंह के पॉडकास्ट मे सना ने बताया कि वह बीते पांच सालों से एक गंभीर बीमारी का शिकार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बीमारी के कारण उन्होंने नॉन वेज खाना छोड़ दिया और शाकाहारी बन गईं। सना ने अपनी हेल्थ कंडीशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह "ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस" (autoimmune hepatitis) से पीड़ित हैं, जिसका पता उन्हें 2020 में चला था। इसके लिए उनकी दवाइयां चल रही हैं और वह अब पूरी तरह से स्वस्थ रहने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव कर चुकी हैं।

क्या होता है ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस?

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक प्रकार का लंबा चलने वाला और सूजन से जुड़ा लीवर रोग है। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही लीवर सेल्स पर हमला करने लगता है। इससे लीवर में सूजन, लालिमा और नुकसान हो सकता है। जॉन हॉपकिंस मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीमारी के कारण लीवर में लंबे समय तक सूजन रह सकती है और यह लीवर के सामान्य कार्य को प्रभावित कर सकता है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के प्रकार

टाइप 1 (क्लासिक)

यह ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का सबसे सामान्य रूप है।
यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर किशोरावस्था या युवा अवस्था में शुरू होता है।
यह टाइप महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा देखा जाता है।

टाइप 2

यह ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का कम आम रूप है।
यह अधिकतर 2 से 14 वर्ष की लड़कियों को प्रभावित करता है।

ये भी पढ़े: अगर आप भी करते हैं फ्रिज में रखा आटा इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, हो सकती हैं ये बीमारियां

PunjabKesari

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के कारण

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस तब होता है जब शरीर का इम्यून सिस्टम, जो आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया और अन्य बीमारियों से लड़ता है, गलत तरीके से लीवर पर हमला करने लगता है। इसके कारण लीवर में सूजन और गंभीर क्षति हो सकती है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि शरीर अपने ही खिलाफ क्यों काम करता है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह इम्यून सिस्टम फंक्शन को नियंत्रित करने वाले जीन की परस्पर क्रिया और वायरस या दवाओं के संपर्क के कारण हो सकता है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के लक्षण

थकान: लगातार थका हुआ महसूस करना।
पेट में तकलीफ: पेट में असहजता या दर्द।
पीलिया: त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना।
बढ़ा हुआ लीवर: लीवर का आकार बढ़ जाना।
स्पाइडर एंजियोमास: त्वचा पर अनियमित रक्त वाहिकाओं का होना।
त्वचा के लाल चकत्ते: शरीर में लाल दाने या चकत्ते आना।
जोड़ों का दर्द: शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द।
मासिक धर्म की हानि: महिलाओं में मासिक धर्म के चक्र में बदलाव या रुकावट।

PunjabKesari
ये भी पढ़े: इन 4 बीमारियों में घी का सेवन करना खतरनाक!

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का इलाज

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का इलाज मुख्य रूप से दवाइयों के माध्यम से किया जाता है। इन दवाओं का मुख्य उद्देश्य शरीर की इम्यून सिस्टम को शांत करना और यह सुनिश्चित करना है कि वह लीवर पर हमला न करे। डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार इलाज किया जाता है, और समय पर दवा लेने से इस बीमारी के प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है।

PunjabKesari

सना का शाकाहारी बनना

सना ने इस बीमारी के कारण न केवल अपनी जीवनशैली में बदलाव किया, बल्कि उन्होंने अपनी डाइट में भी बदलाव किया। उन्होंने नॉन वेजिटेरियन खाना छोड़कर शाकाहारी आहार को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया। इसके अलावा, वह अपनी सेहत के प्रति अधिक सचेत हैं और स्वस्थ जीवन जीने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।

सना मकबूल की यह बीमारी और उनका इससे लड़ने का तरीका हमें यह संदेश देता है कि हम सभी को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए और समय-समय पर अपनी जांच करवानी चाहिए।

Related News