नारी डेस्क: बॉलीवुड इंडस्ट्री में कपूर खानदान सबसे बड़ा और पुराना परिवार है। इस परिवार में सबसे खास रहे हैं राज कपूर। पूरा परिवार इस बार 14 दिसंबर को उनकी 100 बर्थ एनिवर्सरी मना रहा है और इसी मौके पर राज कपूर का पूरा परिवार पीएम मोदी से मिलने पहुंचा था। राज कपूर के परिवार में हर मेंबर की अपनी पर्सनैलिटी और अपना नाम है और सबसे ज़्यादा सुर्खियों में भी राज कपूर का परिवार ही रहा। राज कपूर की लाइफ से जुड़े कई किस्से सुनने को मिलते हैं। राज कपूर की वाइफ कृष्णा कपूर भले ही लाइमलाइट से दूर रही लेकिन परिवार को संजोए रखने में हमेशा ही उन्हें तारीफ मिली है। जिस तरह कहते हैं ना कि एक पुरुष की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है। कृष्णा जी का भी राज कपूर को वैसा ही साथ मिला।
कजिन बहन से राज कपूर ने की शादी
राज और कृष्णा की शादी से जुड़े भी बहुत से किस्से थे चलिए आपको उन्हीं से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हैं। जब दोनों की शादी हुई थी तो एक न्यूजपेपर ने छापा था कि राज कपूर ने अपनी कजिन बहन से शादी कर अपना करियर बर्बाद कर लिया ।
दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि कृष्णा मल्होत्रा राज कपूर की दूर के रिश्ते में कजिन बहन लगती थी। कृष्णा कपूर , शादी से पहले कृष्णा मल्होत्रा थी और उनका जन्म 30 दिसंबर 1930 को मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ था। कृष्णा के पिता करतारनाथ मल्होत्रा रीवा में आई. जी. थे। वैसे उनका परिवार पेशावर में करीमपुरा घंटा घर के पास रहा था और फिर वहां से वह रीवा गए थे क्योंकि उनके पिता करतारनाथ की पोस्टिंग रीवा में हो गई थी। साल 1944-46 तक कृष्णा जी रीवा में ही रहीं और वहीं के स्कूल से उन्होंने 10वीं की पढ़ाई की। कृष्णा ने अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी ही की थी कि उनकी शादी कर दी गई। उस समय वह सिर्फ 16 साल की थी। उनके पति यानि राज कपूर उनसे उम्र में 6 साल बड़े थे। दोनों की शादी 12 मई 1946 को रीवा में उनके पिता के ही सरकारी बंगले में हुई।
राज कपूर और कृष्णा कैसे हुई मुलाकात ?
राज कपूर और कृष्णा दोनों की मुलाकात भी बड़ी खास थी। पृथ्वीराज कपूर नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मी और निजी जिंदगी को मिक्स करें। वह एक पारंपरिक घरेलू लड़की को घर बहू बनाकर लाना चाहते थे और अरेंज मैरिज ही चाहते थे। करतारनाथ भी पृथ्वीराज के ममेरे भाई लगते थे और जब पृथ्वीराज रीवा में थियेटर कर रहे थे तो उनका रिश्ता और गाढ़ा हो चुका था और वह अपनी रिश्ते को और गहरा करना चाहते थे। बस राज जब पिता के कहने पर कृष्णा जी को देखने पहुंचे तो वह एक कमरे में सफेद साड़ी पहने और बालों में मोगरे के फूल लगाए सितार बजा रही थी। उस समय वह म्यूजिक सीख रही थी और राज भी अंदर गए, इस तरह दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। शादी के बाद भी कृष्णा अधिकतर सफेद साड़ियां पहनती थीं और बालों में मोगरा लगाती थीं ऐसा इसलिए क्योंकि राज कपूर को ये पसंद था।
लेकिन उस समय जब दोनों की शादी हुई तो एक मैगजीन ने छापा था कि अपने दूर के रिश्ते की बहन (कज़िन) से शादी करके राज कपूर ने अपना करियर खत्म कर लिया है।”
शादी के 9 महीने बाद उनके घर पहले बच्चे का जन्म हुआ और जिसका नाम रखा गया रणधीर कपूर। बाद में उनके घर रितु, ऋषि, रीमा और राजीव का जन्म हुआ। आगे चलकर उनके तीनों बेटे बॉलीवुड के एक्टर बने।
किराए के घर में रहते थे राज कपूर
शादी के बाद राज कपूर के साथ कृष्णा जी चेंबूर में एक किराए के घर में रहते थे। घर को आर्थिक सहारा देने के लिए वह भी साड़ियों पर एम्ब्रायडरी करने का काम करती थी। कहा जाता है कि राज कपूर अपनी फिल्म बरसात बना सकें इसलिए कृष्णा जी ने अपने गहने बेच दिए थे वो बात अलग है कि ये बातें लोगों को कम ही पता रहीं जबकि राज कूपर के अफेयर्स ज्यादा सुर्खियों में छाए रहे । अमीर खानदान में पली कृष्णा को खाना बनाना नहीं आता था लेकिन शादी के बाद उन्होंने खुद को परफेक्ट बना लिया और घर की परफेक्ट होस्ट बन गई। उन्होंने पाये से लेकर यखणी पुलाव और जंगली मटन सब बनाना सीखा क्योंकि राज कपूर जब घर में घुसते थे तो सबसे पहले किचन में ही जाते थे। ये देखने के लिए कि क्या बन रहा है। राज कपूर जो भी पार्टीज देते थे उसकी सारी अरेंजमेंट्स कृष्णा जी ही करती थीं। खुद कहते थे – “मैं तो बस इनवाइट करता हूं, करती सब मेरी बीवी है।”
राज कपूर के अफेयर्स की खबरों के बीच में कृष्णा ने अपने घर को टूटने नहीं दिया। बच्चे के लिए वह मां और पिता दोनों का रोल अदा करती रही क्योंकि राज कपूर अपने काम में डूबे रहते थे। अगर आज कपूर खानदान के नाती-पोते इतने पढ़े लिखे और पहचान रखते है तो उसकी वजह भी कृष्णा कपूर ही रही हैं।
नरगिस करना चाहती थी राज कपूर संग शादी
एक समय राज कपूर की फिल्में फ्लॉप होने लगी। नरगिस जिन्हें वो बेइंतहा प्यार करते थे वो दूर हो गई। दरअसल नरगिस राज कपूर से शादी करना चाहती थी हालांकि वह जानती थी कि राज मैरिड हैं लेकिन नरगिस को उम्मीद थी कि दोनों की शादी होगी लेकिन जब नरगिस को इस बात का यकीन हो गया कि राज अपनी पत्नी को नहीं छोड़ेंगे तो उन्होंने आरके स्टूडियो से बाहर फिल्में साइन करनी शुरू कर दी थी।कहा जाता है कि एक पार्टी में नरगिस कृष्णा से मिली और उन्होंने कहा था कि उनकी जिंदगी में जितने तूफान आए हैं वो ही उनके लिए जिम्मेदार हैं जिस पर कृष्णा ने उन्हें माफ करते हुए कहा था कि “अगर मैं नहीं होती तो मेरी जगह कोई और होती।” लेकिन जब राज कपूर का अफेयर वैजयंतीमाला के साथ हुआ। इससे कृष्णा इतना नाराज हुई कि बच्चों को लेकर घर छोड़कर चली गई और इस शर्त पर मानी की वह वेजयंती माला के साथ काम नहीं करेंगे।
राज कपूर ने भी अपने एक इंटरव्यू में अफेयर्स और पत्नी के साथ रिश्ते को लेकर कहा था, मेरी पत्नी मेरी एक्ट्रेस नहीं है और मेरी एक्ट्रेस मेरी वाइफ नहीं हैं। वाइफ से मेरा मतलब है, मेरे बच्चों की मां। मेरी घर की लाइफ अलग थी। मैंने न तो अपनी वाइफ को अपनी एक्ट्रेस बनाने की कोशिश की, न ही अपनी एक्ट्रेस को अपनी वाइफ।”
रीमा जैन ने किया था माता-पिता को लेकर खुलासा
इस बारे में उनकी बेटी रीमा ने फिल्मफेयर मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में अपने मां-पिता के बारे में बताया था – “चाहे कुछ भी लिखा और बोला गया हो पापा, मॉम को बहुत ज्यादा प्यार करते थे। सच्चाई तो ये है कि वो पूरी जिदंगी मॉम के दीवाने रहे। उन्होंने भले ही इसे वैसे अभिव्यक्त नहीं किया जैसे मॉम ने चाहा हो लेकिन राज कपूर ने जो भी किया वो लौटकर घर ही आए। उनका प्यार मॉम के लिए बेइंतहा था वो उनके पैर भी दबाते थे और हंसाते हुए कहते थे – ‘राज कपूर का क्या हाल बना दिया! मेरी बीवी मुझे पैर दबाने में लगा रही है। घर की मुर्गी दाल बराबर!’
सिमी ग्रेवाल के साथ राज कपूर ने की थी बीवी को लेकर बात
कृष्णा के बारे में राज ने सिमी ग्रेवाल को बताया था कि कृष्णा उनकी जिंदगी में कितनी सारी खुशियां लेकर आई हैं। वो उनकी जिंदगी का सहारा सबसे बड़ा सहारा थी। वह उनसे प्यार करते हैं और बहुत अधिक अहसानमंद भी है। जब सिमी ने पूछा कि उन्होंने ये बातें कृष्णा को बताई तो राज कपूर बोले- “नहीं, नहीं! इससे तो उसको पावर मिल जाएगी ना। मुझ पे बहुत रौब जमाएगी!” मज़ाक के उलट उन्होंने गंभीर होकर कहा – “जब मैं मर रहा होऊंगा तो अपनी आखिरी घड़ी में मैं उसे सबकुछ कह दूंगा। वादा रहा!”
2 जून 1988 को राज कपूर का निधन हो गया। वह 30 अप्रैल को मुंबई से दिल्ली रवाना हुए थे और 2 मई को उन्हें राष्ट्रपति द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। उसके बाद उनकी तबीयत खराब होती गई, उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। एक महीने बाद उनका निधन हो गया। उनकी देह को पैसेंजर सीट पर शो मैन की तरह ही बैठाकर लाया गया। कृष्णा तब भी उनके साथ थीं। उसके बाद कृष्णा ने पूरे परिवार को संभाला और 1 अक्तूबर 2018 को वह भी दुनिया को अलविदा कह गईं।
कृष्णा राज कपूर, एक ऐसी महिला जिसे कपूर खानदान को संजोए रखा। ये पैकेज कैसा लगा हमें बताना ना भूलें।