नारी डेस्क: मासिक धर्म या पीरियड्स महिलाओं के स्वास्थ्य का अहम हिस्सा होते हैं, और इनकी शुरुआत से लेकर समाप्ति तक होने वाली ब्लीडिंग के रंग, बनावट और मात्रा से महिला के हार्मोनल स्वास्थ्य का पता चलता है। अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेट में ऐंठन, सिरदर्द, मूड स्विंग्स, थकान जैसी शारीरिक और मानसिक असुविधाएं होती हैं। पीरियड्स के ब्लड फ्लो का पैटर्न इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके हार्मोन में कोई असंतुलन है। न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी के अनुसार, पीरियड ब्लड का रंग और उसकी बनावट हार्मोनल स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताता है। आइए जानते हैं कि आपके पीरियड ब्लड के अलग-अलग रंग और बनावट के आधार पर आपके हार्मोन के स्तर का क्या मतलब हो सकता है।
हल्का गुलाबी और पानी जैसा ब्लड
अगर आपके पीरियड्स का ब्लड हल्का गुलाबी और पानी जैसा है, तो यह आपके शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने का संकेत हो सकता है। एस्ट्रोजन गर्भाशय की परत को मजबूत करता है, और जब इसका स्तर कम होता है, तो गर्भाशय की परत ठीक से बन नहीं पाती, जिससे ब्लीडिंग हल्की और पतली हो जाती है। इस तरह का रक्तस्राव लो आयरन लेवल की वजह से भी हो सकता है।
अंडे की सफेदी जैसी बनावट
जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक होता है, तो इससे सफेद डिस्चार्ज का उत्पादन बढ़ सकता है। एस्ट्रोजन के अधिक स्तर के कारण ल्यूटियल फेज में अंडे की सफेदी जैसी लचीली और चिकनी बनावट वाली ब्लीडिंग हो सकती है। यह स्थिति अक्सर थायराइड की समस्या से जुड़ी होती है, क्योंकि थायरॉयड हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के संतुलन को प्रभावित करता है।
दानेदार ब्लड
प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय की परत को स्थिर करता है। यदि प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम है, तो गर्भाशय की परत अस्थिर हो सकती है, जिससे दानेदार रक्तस्राव होता है। इस तरह के रक्तस्राव से यह संकेत मिलता है कि आपके हार्मोन में असंतुलन हो सकता है और प्रोजेस्टेरोन की कमी हो सकती है।
ब्लूबेरी जैम जैसी बनावट और थक्के जमना
जब एस्ट्रोजन का स्तर ज्यादा होता है, तो गर्भाशय की परत मोटी हो सकती है। यदि प्रोजेस्टेरोन का स्तर पर्याप्त नहीं होता, तो रक्त गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनकर ब्लूबेरी जैम जैसी बनावट में बदल सकता है। इसका मतलब है कि प्रोजेस्टेरोन की कमी के कारण गर्भाशय की परत धीरे-धीरे बह रही है, जिससे रक्त गहरा हो जाता है और ऑक्सीडाइज हो जाता है।
मेपल सिरप जैसी बनावट
अगर आपके पीरियड ब्लड का रंग न बहुत हल्का है, न गाढ़ा, और बिना किसी थक्के के समान रूप से बहता है, तो यह हार्मोनल संतुलन का अच्छा संकेत है। जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर संतुलित होता है, तब पीरियड्स ऐसे होते हैं। यह पीरियड ब्लड मेपल सिरप जैसी स्थिरता में होता है, जो यह दर्शाता है कि आपके हार्मोन अच्छे से संतुलित हैं।
क्या करें अगर पीरियड्स में बदलाव हो?
पीरियड ब्लड का रंग और बनावट न सिर्फ मासिक चक्र का हिस्सा होते हैं, बल्कि ये शरीर में हो रहे हार्मोनल परिवर्तनों का भी संकेत देते हैं। अगर आपके पीरियड्स का ब्लड फ्लो, रंग या बनावट सामान्य से अलग है, तो यह हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस तरह के बदलावों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आपके पीरियड्स की जानकारी और शरीर की स्थिति पर ध्यान देना आपकी स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकता है, और किसी भी समस्या का जल्दी पता चलने पर उसका इलाज किया जा सकता है।