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बनो रे बनो मेरी चली ससुराल को! शादी से पहले पैरेंट्स बेटी को जरूर दें ये नसीहत

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 10 Sep, 2023 04:00 PM
बनो रे बनो मेरी चली ससुराल को! शादी से पहले पैरेंट्स बेटी को जरूर दें ये नसीहत

हमने अक्सर देखा है कि लड़कियां को एक अच्छी बहू बनाने के लिए उनके पैरेंट्स बचपन से ही उन्हें उसी रुप से बड़ा कर रहे होते हैं। इसके लिए चाहे एक लड़की को अपने सपने, अरमान और एजेंसी ही क्यूं ना पीछे छोड़नी पड़े। 'पति परमेश्वर है', 'थोड़ा बर्दाशत करना पड़ता है',' निभाना पड़ेगा', 'धीरे- धीरे सब सीख जाओगी' जैसी ना जाने कितनी बातों को दिमाग में फिट करना पड़ता है। ये सोचने वाली बात है कि क्या ऐसी शादी कभी भी सफल हो पाएगी। क्या वो लड़की खुशी से इस बंधन को निभा पाएगी?  शायद नहीं, तो ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए की वो समय रहते अपनी बेटियों तो रिश्तों के सही मयाने सिखाएं ...

न सहें मार- पीट

शादी का रिश्ता पति- पत्नी के बीच गहरे प्यार का होता है और एक दूसरे को साथ लेकर चलने का होता है। महिलाओं को सहन करने की जरूरत नहीं है चाहे वो Mental abuse हो या फिर Physical, क्योंकि ये गलत है।

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दोनों एक- दूसरे के परिवार का सम्मान करें

अपने बड़े- बुजुर्गों और ससुराल पक्ष की देखभाल एवं सम्मान करना सीख गलत नहीं है, लेकिन एक मां अपनी बेटी को ये भी सिखाए कि उसके परिवार को भी यही सम्मान मिलें। लड़की वाले हैं इसलिए थोड़ा झुकना पड़ता है, ये बात सिखाना गलत है। पत्नी को पूरा अधिकार है कि वह अपने पति से वैसे ही व्यवहार की अपेक्षा रखे जैसा कि वह उसके परिवार के साथ करती है। पति- पत्नी दोनों को ही अपने परिवारों की जिम्मेदारियां बांटनी चाहिए और उनके साथ मिलकर ख्याल रखना चाहिए।

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पति- पत्नी में साझेदारी है जरुरी

अपनी बेटियों को सिखाएं कि एक रिश्ते को मजबूत और खुशहाल बनाए रखने के लिए थोड़ा कॉम्प्रोमाइजेज और सक्रिफाइसस पड़ते हैं। इसके बजाए प्रिय माताएं कि शादी दो तरफा का रिश्ता होता है जिसमें प्यार, समानता, एक- दूसरे का सम्मान और फिक्र आदि शामिल होते हैं। यदि शादी सफल बनाना है तो एफटर्स दोनों तरफ से होनी चाहिए।

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घर और बच्चे दोनों की जिम्मेदारी

माताएं अपनी बेटियों को गोल रोटी और टेस्टी स्बजी बनाना ना सिखाएं, उन्हें ये सिखाएं की घर की जिम्मेदारी दोनों की होती है। बचपन से पैरेंट्स जहां अपने बेटे और बेटी  दोनों को ही घर के काम- काज  सिखाने और करवाने चाहिए। यही सब शिक्षाऐं तब भी देनी चाहिए, जब बात बच्चे संभालने की और बड़ा करने की हो। क्यों एक लड़की ही अपनी शिक्षा और जॉब के साथ कॉम्प्रोमाइज करें, जब बात बच्चों की आए? अपने पति के साथ इस खूबसूरत एहसास और जिम्मेदारी को बांटिए।

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