नारी डेस्क: जब बच्चे को बुखार होता है, तो माता-पिता अक्सर घबरा जाते हैं और वह जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। बुखार एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसे सही तरीके से हैंडल करना बहुत जरूरी है। यहां कुछ गलतियाें के बारे में बताया गया है कि बुखार के समय बच्चे की देखभाल में नहीं करना चाहिए।
बिना डॉक्टर से सलाह के दवा देना
कई बार माता-पिता बिना डॉक्टर से सलाह किए बीना खुद ही दवा देना शुरू कर देते हैं। यह बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। बुखार के लिए हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें और उनके द्वारा बताई गई दवाओं को ही दें।
बुखार को तुरंत कम करने की कोशिश करना
माता-पिता अक्सर बुखार को तुरंत कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी या बर्फ का इस्तेमाल कर देते हैं, जो बच्चे के शरीर के तापमान को अचानक कम कर सकता है और बच्चे को ठंड लग सकती है। ठंडे पानी की पट्टी की बजाय हल्के गुनगुने पानी का उपयोग करें और धीरे-धीरे बुखार कम होने दें।
बहुत ज़्यादा कपड़े पहनाना
कुछ माता-पिता बच्चे को बुखार के दौरान गर्म रखने के लिए उसे बहुत सारे कपड़े पहनाते हैं या उसे कम्बल में लपेट देते हैं। इससे शरीर का तापमान और भी बढ़ सकता है। बच्चे को हल्के और आरामदायक कपड़े पहनाएं ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
बच्चे को पर्याप्त पानी न देना
बुखार में बच्चों का शरीर पानी की कमी से जूझता है, लेकिन अक्सर माता-पिता बच्चे को पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं देते। बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी, सूप, या जूस दें।
बुखार को हल्के में लेना
कई बार माता-पिता बुखार को गंभीरता से नहीं लेते और उसे सामान्य मानकर इलाज में देरी करते हैं। खासकर अगर बुखार के साथ कोई अन्य लक्षण (जैसे खांसी, उल्टी, या चिड़चिड़ापन) हो, तो यह लापरवाही घातक हो सकती है। अगर बुखार तीन दिनों से ज़्यादा बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जबरन खाना खिलाना
कई माता-पिता बुखार के दौरान बच्चे को ज़बरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश करते हैं, सेहत ठीक ना होने के कारण बच्चों का खाने का मन नहीं करता , ऐसे में उनसे जबरदस्ती करना ठीक नहीं। बच्चे को भूख के अनुसार ही हल्का और पौष्टिक खाना दें, जब उसकी भूख लगे। सूप, दलिया, और हल्की खिचड़ी अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
बुखार के दौरान बच्चे को स्कूल भेजना
कुछ माता-पिता बच्चे को बुखार होते हुए भी स्कूल या अन्य गतिविधियों में भेज देते हैं, जो उसकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है और दूसरों को भी संक्रमण हो सकता है। बच्चे को घर पर आराम करने दें और पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही उसे स्कूल भेजें।
घरेलू नुस्खों पर अधिक निर्भरता
कई बार माता-पिता घरेलू उपायों का अधिक उपयोग करते हैं और डॉक्टर की सलाह लेने में देरी कर देते हैं। घरेलू नुस्खे कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं, लेकिन बुखार लंबे समय तक बना रहे या गंभीर स्थिति हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।बच्चे को बुखार होने पर शांत और सतर्क रहना चाहिए। सही देखभाल और डॉक्टर की सलाह से आप अपने बच्चे को जल्द स्वस्थ कर सकते हैं।