टोक्यो ओलम्पिक के सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम की हार से जहा भारत का गोल्ड का सपना टूट गया वहीं हार के बाद टीम की स्टार खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिवारवालों को जातिसूचक गालियां देने का मामला सामने आया है। वंदना कटारिया के भाई ने इसकी शिकायत पुलिस से की है।
'कई सारे दलित खिलाड़ियों की वजह' से हार मिली।
हरिद्वार के एसएसपी कृष्णराज एस ने बताया कि वंदना कटारिया के भाई शेखर कटारिया की शिकायत पर जांच की जा रही है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 504 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपियों ने कहा कि 'कई सारे दलित खिलाड़ियों की वजह' से हार मिली।'
आरोपी बोली, केवल हॉकी ही नहीं, बल्कि हर एक खेल से दलितों को दूर रखना चाहिए
शेखर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि टीम के मैच हारने के बाद परिवार के लोग बाहर निकले तो पटाखे जलाकर डांस कर रहे युवकों ने जातिगत टिप्पणी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि टीम में कई दलित खिलाड़ियों की वजह से ही हार मिली है। आरोपियों ने कहा कि केवल हॉकी ही नहीं, बल्कि हर एक खेल से दलितों को दूर रखना चाहिए।
वंदना कटारिया के भाई की शिकायत पर होगी जांच
इसी बीच उत्तराखंड में वंदना कटारिया के भाई की शिकायत भी पुलिस को मिली, जिसमें सेमीफाइनल में हार के बाद उनके परिवारवालों से गाली-गलौच करने की बात कही गई है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
सेमिफाइनल में अपनी जगह बना भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा था इतिहास
जानकारी के लिए बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल जीत सेमिफाइनल में अपनी जगह बना भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश सेमीफाइनल मुकाबले में टीम को अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा।
ओलंपिक इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है वंदना
इससे पहले बता दें कि दक्षिण अफ्रीका टीम के मैच में भारत की तरफ से स्ट्राइकर वंदना कटारिया ने ऐतिहासिक हैट्रिक गोल दागे थे । वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया। वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं है।
1980 के ओलंपिक में हुआ था महिला हाॅकी टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
भारतीय महिला हॉकी टीम के इतिहास के बारे में बताए तो महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मास्को ओलंपिक 1980 में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। महिला हॉकी ने तब ओलंपिक में पदार्पण किया था और मैच राउंड रॉबिन आधार पर खेले गए थे, जिसमें शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल में पहुंची थीं।
अब महिला हाॅकी टीम से कांस्य पदक की उम्मीद
इसी तरह इस बार भी टोक्यो ओलंपिक में टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें अर्जेंटिना ने हरा दिय़ा, वहीं अब टीम से कांस्य पदक की उम्मीद की जा रही है।