होली खुशियों और रंगों का त्यौहार है। इस त्यौहार को बच्चे तो शौंक से मनाते ही हैं, मगर कुछ बड़े लोग में इस त्यौहार पर बच्चों से भी ज्यादा मस्ती करना पसंद करते हैं। मगर कई बार हंसी मजाक में होली रंग मुंह में चले जाने या फिर ज्यादा पक्के रंगों का इस्तेमाल करने से स्किन को स्किन और सेहत दोनों को नुकसान पहुंचता है, जिस वजह से कई बार इस खुशियों के त्यौहार का मजा पूरी तरह किरकिरा हो जाता है। मगर यदि आप चाहते हैं कि आपकी होली का मजा किरकिरा न हो तो इन खास टिप्स को जरुर पढ़ें और जानिए इन सबसे कैसे बचा जा सकता है...
होली के सस्ते रंगो का यह नुकसान...
अक्सर हम सोचते हैं होली के रंग जितने सस्ते होंगे उतना बेहतर, क्योंकि होना तो इन्हें वेस्ट ही है। मगर क्या आप जानते हैं कि होली के सस्ते रंगों में लेड ऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। जिसका आपके मुंह में जाने के बाद आपकी किडनी पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। फेफड़ो पर भी यह जहरीला तत्व असर डालता है, जिस वजह से आपको सांस लेने में कुछ दिन तक तकलीफ हो सकती है। इन रंगों में पाया जाने वाला कॉपर सल्फेट आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे आंखो में एलर्जी, सूजन और इनका लाल होने का डर बना रहता है।
महंगा मगर असरदार
होली के रंगों में मिलावट के चलते मार्किट में ऑरगेनिक रंग मौजूद हैं, जो आम रंगों से कुछ महंगे जरुर हैं, मगर इनमें मौजूद हर्बल कलर्स आपकी सेहत और स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते। अगर आपके पास वक्त है और आप अपने दोस्त व घरवालों के साथ कुछ वक्त बिताना चाहते हैं, तो घर पर खुद अपने हाथ से अपनों के लिए होली के रंग बनाएं। घर पर रंग बनाने आपको सस्ते भी पड़ेंगे और आप कुछ अच्छा और नया सीख भी पाएंगे।
ऑरगेनिक रंगों के फायदे
-नेचुरल होली कलर्स का आपकी स्किन और बाल दोनों पर कोई बुरा असर नहीं डलता।
-अगर खेल-खेल में यह रंग आपके मुंह में चले जाएं, तो किसी भी बॉडी पार्ट को नुकसान नहीं होगा।
-नहाने के बाद यह रंग बहुत जल्द शरीर से उतर जाते हैं, अगले दिन ऑफिस, स्कूल और कॉलेज जाने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
-इन रंगो की खुशबू बहुत अच्छी होती है, ऐसे में जिन लोगों को एलर्जी की वजह से छींके आने लगती है, उनके लिए ऑरगेनिक कलर्स सबसे बेस्ट हैं।