हिंदू धर्म में जैसे गंगा नदी को बहुत ही पवित्र माना गया है वैसे ही नर्मदा को भी बहुत पूजनीय माना जाता है। भारत की 5 सबसे बड़ी नदियों में से नर्मदा भी आती है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो माघ शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को मां नर्मदा का जन्म हुआ था इसलिए हर साल इसी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। लेकिन इस साल नर्मदा जयंती कब है और इस दिन का क्या महत्व है आज आपको बताएंगे। आइए जानते हैं।
कब मनाई जाएगी नर्मदा जयंती?
इस साल नर्मदा जयंती शुक्रवार 16 फरवरी को मनाई जाएगी। यह माघ शुक्ल की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। पंचागों की मानें तो 15 फरवरी सुबह 10:12 मिनट से सप्तमी तिथि शुरु होगी और 16 फरवरी सुबह 08:42 पर यह तिथि खत्म होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी।
इसलिए मनाई जाती है नर्मदा जयंती
नर्मदा जयंती वाले दिन प्रात: काल लोग पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। इस शुभ दिन पर लोग नर्मदा नदी की पूजा भी करते हैं। पूजा के दौरान स्वास्थ्य, धन, सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। स्नान करने के बाद लोग नदी में फूल, हल्दी, कुमकुम और दीप आदि भी अर्पित करते हैं। मध्य प्रदेश के अमरकंटक स्थान से ही नर्मदा का उद्गम होता है। इसलिए नर्मदा जयंती वाले दिन मां नर्मदा की पूजा के लिए इस स्थान को सबसे विशेष माना जाता है।
नर्मदा नदी में स्नान करने के फायदे
पुण्यफल की होगी प्राप्ति
मान्यताओं के अनुसार, नर्मदा जयंती पर नर्मदा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धूल जाते हैं और व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
मोक्ष की होगी प्राप्ति
विष्णु पुराण की मानें तो नाग राजाओं ने साथ में मिलकर मां नर्मदा को यह वरदान दिया था कि जो नर्मदा नदी में स्नान करेगा उस व्यक्ति के सारे पाप खत्म हो जाएंगे और वह मोक्ष को प्राप्त होगा।
कुंडली से कालसर्प दोष होगा दूर
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो नर्मदा जयंती वाले दिन चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को नर्मदा नदी में प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष दूर होगा।
अष्टक का पाठ
नर्मदा जयंती वाले दिन नर्मदा नदी में स्नान करें। इसके बाद पूजा पाठ करें और शाम को आरती करने के बाद अष्टक का पाठ करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है।