बेटी बनाकर पैदा होना हमारे देश में बहुत चुनौतियों भरा है। एक तरफ जहां कई परिवार बेटी होना से नाखुश होते हैं, वहीं उन्हें एक दिन अपना घर छोड़ पराए घर भी जाना होता है। वहां कुछ नहीं पाता की कैसा परिवार मिले। वहीं पति की मां भी बहुत ही कम अपनापन दिखाती है। कभी-कभी वो तो लड़की का ससुराल में रहने नर्क बराबर बना देती है। ऐसा ही कुछ हुआ मनीषा के साथ। एक तो 4 लड़कियों के बाद एक और लड़की पा उसके घरवाले खुद खुश नहीं थे।
घर में हर वक्त पैसों की किल्लत रहती और जैसे-जैसे मनीषा बड़ी हुए पढ़ाई तो नहीं पर घरवालों को उसकी शादी की चिंता सताने लगी। महज 18 साल की उम्र में उसकी शादी एक राहुल नाम के एक लड़के से कर दी दिया। राहुल मिडिल क्लास फैमिली से था और उसकी फैमिली की मांग भी बहुत ज्यादा थी।
उन्होंने सीधा मुंह फाड़ के दहेज मांगा था। उनका कहना था की लड़का engineer है, उनकी बेटी ऐशो आराम से रहेगी। मनीषा के घरवालों बेटी की खातिर लड़के वालों की दहेज की मांग को मान गए और शादी में कार,4 लाख कैश और टीवी, washing Machine जैसी घर की जरूरत की चीजें दीं। बिदाई के वक्त मनीषा की मां ने मनीषा को गले से लगाते हुए कहा कि देखे बेटी, अब वो तेरा घर है। हम जितना कर सकते थे, किया। अब अपने घर को बसा और अपनी सास को मां समझना। उनकी हर बात मानना।' मनीषा ने अपनी मां की सारी बातों को बहुत ध्यान से सुना और मानने की कोशिश भी की। ससुराल में पहले दिन गृह प्रवेश होने के बाद मनीषा ने घर के सारे बड़ों के पैर छुए और अपनी पहली रसोई में सब के लिए प्यार से खीर बनाई।
पहले दिन की थकावट के उतरी नहीं थी, इसलिए मनीषा की आंख अगले दिन जरा देर से ही खुली तो सास ने आकर जोर से दरवाजे में खटखटाते हुए कहा- 'क्यों री, दिन के 8 बज गए सोती ही रहेगी..ना कोई पूजा..ना सास-ससुर को चाय पूछनी'? मनीषा घबराकर उठी और किस तरह सिर को पल्लू से ढंक कर दरवाजा खोला। सामने सास गुस्से से ला खड़ी थी। मनीषा ने तुरंत सास से माफी मांगी और घर के कामों में लग गई। आगे से गलती ना हो, इसलिए अलार्म लगा कर सोती, लेकिन अकसर उसकी सास किसी ना किसी बात पर उसको सुनाती रहती। कभी चाय ज्यादा मीठी है, कभी खाना बनाना नहीं आता तो दहेज में क्या लेकर आई।
एक साल ससुराल में बितने तक मनीषा को अंदाजा तहो गया था की सास उसको कोई खास पसंद नहीं करती है। चाहे वो जितनी भी उनकी सेवा करें, पैर दहाए, उनकी दवाएं उन्हें समय से खिलाए...शाम को उनसे बातें कर पर सास को ठहरी सास। हद तो तब हो गई जब पहले karwachauth पर मनीषा की सास ने उसे अपने बेटी की एक 3 साल पुरानी साड़ी दे दी। मनीषा को बहुत आहात महसूस हुआ तो आखिरकार उसने सब अपने पति को बताया। लेकिन ये क्या पति राहुल ने सहानभूति के बजाए उसे दो बातें और सुनाई। उसने कहा- मैंने गरीब घर की लड़की से शादी कर ली , इस बात का शुक्र मनाओ। अब तुम्हें मेरी मां भी चुभने लगी। एक बात कान खोलकर सुन लो, मैं अपनी मां के खिलाफ क शब्द बर्दाशत नहीं करूंगा। मनीषा का दिल बैठ गया। बेडरूम से बाहर सास के ताने और बेडरूम के अंदर पति के ताने!
वो अपना हाल बंया करती भी तो इसको। अपने घरवालों की हालत उसको पता थी, वहां जाकर वो उनके सिर पर बोझ नहीं बनना चाहती थी। आखिरकार पति का साथ नहीं मिला तो इसने अपना दर्द सीन में दबा लिया और सौंकड़ों भारतीय महिलाओं की तरह तानों और सास के नफरत के बीच ही अपनी गृहस्थी बसा ली।