05 DECFRIDAY2025 1:55:42 PM
Nari

मलेशिया में भारतीय मजदूर के साथ शर्मनाक बर्ताव: बैंक के बाहर सोने पर लात मारी, पानी से भिगोया और फिर...

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 01 Dec, 2025 02:18 PM
मलेशिया में भारतीय मजदूर के साथ शर्मनाक बर्ताव: बैंक के बाहर सोने पर लात मारी, पानी से भिगोया और फिर...

नारी डेस्क:  मलेशिया से एक दर्दनाक वीडियो सामने आया है, जिसने लोगों को सोशल मीडिया पर झकझोर दिया। वीडियो में दिख रहा है भारत के तमिलनाडु का प्रवासी मजदूर सफीउदीन पक्कीर मोहम्मद, जिसे बेरहमी से लात मारी गई, पानी से भिगोया गया और गंदी भाषा में अपमानित किया गया। उसकी केवल इतनी गलती थी कि वह बेघर होने के कारण बैंक के बाहर सो रहा था। सफीउदीन 39 साल के हैं और 2024 में अपने परिवार की मदद करने के लिए मलेशिया गए थे। उनके दो छोटे बेटे हैं और वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहते थे। मार्च 2024 में उन्होंने कुआलालंपुर के श्री गोम्बाक इलाके में एक रेस्टोरेंट में कुक का काम शुरू किया।

सड़कों पर सोने पर मजबूर हुए सफीउदीन

सफीउदीन ने मलेशिया में काम करने के लिए अपने नियोक्ता को RM 3,500 (करीब ₹75,500) वर्क परमिट और RM 1,200 (करीब ₹26,000) हेल्थकेयर के लिए भुगतान किया था। लेकिन कुछ महीनों बाद उनकी स्थिति बिगड़ गई। उनके अनुसार नियोक्ता ने महीनों तक वेतन देना बंद कर दिया और उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया, ताकि वे वापस भारत न जा सकें। जब उन्होंने नौकरी छोड़ने की कोशिश की, तो उन्हें रोक लिया गया। मजबूर होकर उन्होंने छह महीने पहले नौकरी छोड़ दी। काम, पैसे, रहने की जगह और पासपोर्ट खो जाने के बाद सफीउदीन कुआलालंपुर की सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए। कुछ दिनों से वे AmBank के Taman Maluri ब्रांच के बाहर फुटपाथ पर सो रहे थे। इसी दौरान यह घटना हुई।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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महिला सिक्योरिटी गार्ड और मोची ने किया हमला—वीडियो वायरल

वायरल वीडियो में दिखाई देता है कि बैंक की एक महिला सिक्योरिटी गार्ड पाइप का नल खोलकर सफीउदीन पर पानी की तेज धार छोड़ती है। वह बेहद कमजोर और थका हुआ सा दिखता है, लेकिन कुछ बोल भी नहीं पाता। थोड़ी देर बाद पास बैठे एक के मोची भी आकर उन्हें लात मारकर वहां से भगाने की कोशिश करते हैं। सफीउदीन पूरी तरह डर और शर्म से सहम जाता है। उसने कहा- "अगर उन्होंने सिर्फ कहा होता कि यहां से हट जाओ, तो मैं शांति से चला जाता। मैं बहुत कमजोर, भूखा, तनाव में और डिप्रेशन में था।" यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और दुनियाभर से लोगों ने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा की।

सफीउदीन अब सिर्फ अपने घर लौटना चाहते हैं

एक इंटरव्यू में सफीउदीन ने बताया कि उनकी सिर्फ एक ही इच्छा है “मैं भारत वापस जाना चाहता हूं। लेकिन मेरा पासपोर्ट और वेतन मेरे नियोक्ता ने रोक रखा है।" वे बिना दस्तावेज़ों के पूरी तरह फंसे हुए थे और किसी तरह मदद का इंतजार कर रहे थे। स्थानीय एक्टिविस्टों ने दी मदद, पासपोर्ट वापस दिलाने की कोशिश

वीडियो वायरल होने के बाद टोनी लियान, जो बेघर लोगों के लिए शेल्टर चलाते हैं, सामने आए और सफीउदीन को अपने केंद्र में आश्रय दिया। उन्होंने कहा कि वे कोशिश करेंगे कि नियोक्ता से सफीउदीन का पासपोर्ट वापस लिया जाए। साथ ही, वे उनके लिए फंड जुटाने की योजना भी बना रहे हैं ताकि उनकी देनदारियाँ चुकाकर उन्हें सुरक्षित भारत भेजा जा सके।

एक इंसान की मजबूरी बन गई वैश्विक शर्म

यह घटना सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि एक ऐसा उदाहरण है जो दिखाता है कि विदेश जाकर काम करने वाले मजदूर किन-किन तरह की समस्याओं में फँस सकते हैं

पासपोर्ट जब्त कर लेना, वेतन रोक देना, धमकाना, और अंत में सड़कों पर भटकने को मजबूर कर देना। सफीउदीन की कहानी ने दुनिया भर के लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मजबूरी में पलायन करने वाले ऐसे कितने लोग होंगे, जिनकी आवाज कभी दुनिया तक पहुँच ही नहीं पाती।
 

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