मकर संक्रांति का शुभ त्योहार जनवरी की 14 तारीख को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इन दिन सूर्य देव धनु से निकल कर मकर राशि में गोचर करते हैं। इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस शुभ दिन सूर्य देव की कृपा पाने के लिए नदी में स्नान करने के साथ उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से मनोकामना पूरी होने के साथ भगवान सूर्य की असीम कृपा मिलती है। तो चलिए जानते हैं उन विशेष मंत्रों के बारे में...
1. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
4. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
6. यह मकर संक्रांति का विशेष मंत्र है। आप संक्रांति वाले दिन में किसी भी समय सूर्य की ओर मुंह करके इसका जाप कर लें।
भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते।
तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये।।
मकरसंक्रांन्तिपर्वणः सर्वेभ्यः शुभाशयाः।
इन में से किसी भी मंत्रों का जाप सच्चे मन से 11 बार करें। इससे सूर्य देव की असीम कृपा होने के साथ जीवन की परेशानियां दूर होगी। साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति होगी।
तो चलिए अब जानते हैं कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के उपाय...
- रोजाना सुबह उठकर नहाकर साफ कपड़े पहने। फिर सूर्य देव की पूजा करके उन्हें अर्घ्य दें। इससे समाज में मान-सम्मान बढ़ने के साथ सेहत में सुधार होगा।
- मकर संक्रांति के दिन घर पर सूर्य प्रतिमा या सूर्य यंत्र की घर के पूजा स्थल में स्थापित करें। साथ ही इसकी रोजाना पूजा करें। इससे सूर्य दोष कम होने में मदद मिलेगी।
- सूर्य देव की मूर्ति पर गंगाजल और गाय का दूध अर्पित करें। साथ ही उन्हें लाल रंग के फूल, चावल, कुमकुम आदि चढ़ाएं। इस बात का खास ध्यान रखें कि पूजा में इस्तेमाल होने वाला लोटा तांबे का हो।