हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 17 फरवरी से फाल्गुन मास आरंभ हो गया है। पंचाग अनुसार, इसे हिंदू वर्ष का अंतिम महीना कहा जाता है। कहा जाता है कि इस माह से सर्दियों को विदा और गर्मियों का स्वागत होता है। इसके साथ ही इस मास में महाशिवरात्रि, आमलकी एकादशी, होली आदि पवित्र व बड़े त्योहार मनाएं जाते हैं। इसलिए इस मास में भगवान जी की पूजा, दान व कुछ विशेष उपाय करने का खास महत्व है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
रोग मुक्त रहने के लिए करें ये काम
फाल्गुन के पवित्र महीने में शिव जी को सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इससे रोगों से मुक्ति मिलकर सेहत में सुधार होता है।
जीवन में सुख-शांति के लिए
ज्योतिषशास्त्र अनुसार, फाल्गुन माह का संबंध भगवान शिव और श्रीहरि दोनों से माना गया है। बता दें, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि और शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन दोनों व्रत को रखने व भगवान जी की पूजा करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति, खुशहाली का वास होता है। जीवन में चल रही परेशानियां दूर होकर सफलता के रास्ते खुलते हैं।
आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए
इस पावन माह में धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके साथ ही घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहती है।
दान करने का विशेष महत्व
माघ मास की तरह फाल्गुन माह में भी दान करने का विशेष महत्व है। इसलिए इस माह अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों, जरूरतमंदों को दान जरूर करें। इसके साथ ही इस महीने सफेद तिल, घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, जरूरत का सामान आदि दान करने भगवान जी की कृपा बरसती है।
पितरों के तर्पण कराना शुभ
फाल्गुन के महीने पितरों के निमित्त तर्पण आदि को करवाना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर-परिवार पर पितरों का आशीर्वाद रहता है।
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