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बच्चों की डाइट में शामिल ये चीजें, बढ़ा सकती हैं बीमारियों का खतरा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 15 Oct, 2025 01:17 PM
बच्चों की डाइट में शामिल ये चीजें, बढ़ा सकती हैं बीमारियों का खतरा

नारी डेस्क: बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए सही खानपान बहुत जरूरी है। अक्सर बच्चे पौष्टिक आहार से बचते हैं और जंक फूड के प्रति आकर्षित होते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसे में माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चों को ऐसी चीजें न खाने को दी जाएं, जो उनके शरीर और मस्तिष्क पर बुरा असर डाल सकती हैं। आइए, जानते हैं वे खाद्य पदार्थ जिनसे बच्चों को दूर रखना चाहिए।

 कैंडी और चॉकलेट

कैंडी और चॉकलेट बच्चों को बेहद पसंद होती हैं। हालांकि, इनमें शुगर की अत्यधिक मात्रा होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। अधिक मात्रा में शुगर के सेवन से बच्चों में मोटापा, डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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पास्ता, पिज़्ज़ा और नूडल्स

पास्ता, पिज़्ज़ा और नूडल्स बच्चों के फेवरेट फूड्स में से एक हैं। लेकिन इनमें सोडियम और ट्रांस फैट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो बच्चों की किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

 फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स

फ्रेंच फ्राइज और आलू चिप्स स्वाद में भले ही अच्छे लगते हों, लेकिन इनका अधिक सेवन बच्चों की इम्युनिटी को कमजोर कर सकता है। इनमें ट्रांस फैट और ज्यादा मात्रा में नमक होता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।

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पैक्ड फूड्स से करें परहेज

बच्चों को पैक्ड फूड्स से बचाना चाहिए। इनमें जरूरी पोषक तत्व नहीं पाए जाते, और इनमें प्रिजर्वेटिव्स तथा कृत्रिम रंगों का उपयोग होता है। इनका सेवन करने से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है।

बच्चों की सेहत के लिए क्या करें?

पौष्टिक आहार दें

बच्चों के आहार में ताजे फल, सब्जियां, दालें और दूध को प्रमुखता दें। फल जैसे सेब, केला, संतरा और अनार न केवल शरीर को विटामिन्स और मिनरल्स देते हैं, बल्कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी और ब्रोकली बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। दालें और अनाज जैसे मूंग दाल, चना दाल, बाजरा और जौ प्रोटीन और फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे दही, पनीर और छाछ बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। साथ ही साबुत अनाज जैसे गेहूं की रोटी, ब्राउन राइस और ओट्स उनके संपूर्ण विकास में सहायक होते हैं।

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जंक फूड पर लगाएं रोक

जंक फूड बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसे उनके खाने में शामिल करने से बचें। बाजार में मिलने वाले पैक्ड स्नैक्स की बजाय घर पर बने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर दें। आलू चिप्स और बर्गर के बजाय मखाने, मूंगफली और भूने हुए चने बच्चों को खाने के लिए दें। अगर बच्चे बार-बार फास्ट फूड की मांग करते हैं, तो उन्हें हेल्दी विकल्प के रूप में घर पर कम तेल और मसाले वाला पास्ता या सैंडविच बनाकर दें। ज्यादा तले हुए खाने की बजाय बेक किए हुए स्नैक्स जैसे बेक्ड समोसे या बेक्ड कुकीज़ खिलाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। जंक फूड के नुकसान को बच्चों को प्यार से समझाएं ताकि वे खुद इसे खाने से बचें।

हाइड्रेट रखें

बच्चों को हाइड्रेट रखना उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। दिनभर में उन्हें कम से कम 6-8 गिलास पानी पीने की आदत डालें। पानी के अलावा नारियल पानी, नींबू पानी और ताजे फलों का रस भी उनके शरीर में नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। गर्मियों के मौसम में डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए उन्हें छाछ और लस्सी जैसे ड्रिंक्स पिलाना बेहद फायदेमंद होता है। कोल्ड ड्रिंक और चाय जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बच्चों को दूर रखें, क्योंकि ये उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। फलों का रस देते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें अतिरिक्त चीनी न हो।

शुगर की मात्रा कम करें

शुगर का अधिक सेवन बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बाजार में मिलने वाली मिठाइयों और चॉकलेट की बजाय बच्चों को शहद और गुड़ जैसे प्राकृतिक विकल्प दें। मिठास के लिए आप उनके आहार में खजूर और किशमिश को शामिल कर सकते हैं। मीठे पेय पदार्थों के बजाय बच्चों को ताजे फलों के रस, दूध या शेक देने की कोशिश करें। घर पर हल्की मिठाई जैसे गाजर का हलवा या साबूदाने की खीर बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बच्चों को धीरे-धीरे शुगर की आदत से दूर करें और उन्हें यह समझाएं कि मिठाई सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए।

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बच्चों के आहार का ध्यान रखना माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सही खानपान से न केवल बच्चों का शारीरिक विकास बेहतर होता है, बल्कि उनका मानसिक विकास भी प्रभावी होता है। अगर बचपन में सही खानपान की आदतें डाली जाएं, तो उनका स्वास्थ्य जीवनभर अच्छा बना रहता है।
  
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)
 
 

 

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