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'द वर्ल्ड इज अवर प्लेग्राउंड' इस पुस्तक के जरिए बच्चों को जागरूक कर रही है जमील कौर सिंह

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 06 Jun, 2023 02:59 PM
'द वर्ल्ड इज अवर प्लेग्राउंड' इस पुस्तक के जरिए बच्चों को जागरूक कर रही है जमील कौर सिंह

विश्व हमारी खेल का मैदान है पुस्तक श्रृंखला संस्कृति का पता लगाने का अवसर बनाती है, जिससे छात्रों को संस्कृति के अर्थ के बारे में जागरूकता पैदा करने की अनुमति मिलती है... यह कहना है जमील  कौर सिंह का जो अपनी पुस्तक में सिख धर्म के ऑस्ट्रेलियाई भाई-बहन नानक और तारा के कारनामों का अनुसरण करती है।

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जमील कौर सिंह ने सांस्कृतिक कल्याण के बारे में दूसरों को शिक्षित करने में लगभग 25 साल बिताए हैं। उन्होंने एक चैनेल को दिए इंटरव्यू में कहा- "मैंने युवा छात्रों के बीच संस्कृति के अर्थ के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 'द वर्ल्ड इज अवर प्लेग्राउंड' पुस्तक श्रृंखला बनाई है। नानक और तारा के वियतनाम और फ्रांस के कारनामों की दो किताबें पहले ही श्रृंखला में प्रकाशित हो चुकी हैं, जबकि उनके फिलीपींस और ग्रीस के कारनामों को आगे जारी किया जाना तय है," ।

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जमील कौर बताती हैं कि-पहली किताब में सिख धर्म के मेलबोर्न भाई-बहन नानक और तारा देश की भाषा, भोजन, लोगों, संस्कृति और परंपराओं की खोज के लिए वियतनाम की यात्रा पर जाते हैं। वह कहती हैं कि इन किताबों का उद्देश्य "सांस्कृतिक संकट को कम करना है, जहां लोग शर्मिंदा हैं और अपनी सांस्कृतिक विरासत को नकार रहे हैं"।

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सुश्री सिंह द्वारा लिखित, रोनाल्ड सैंटोस द्वारा सचित्र और जोहाना मैरी फेरर द्वारा संपादित यात्रा पुस्तक पांच से सात साल के बच्चों और उनके शिक्षकों के लिए डिज़ाइन की गई है। दूसरी किताब में दोनों भाई- बहन युगल क्रोइसैन और एस्केरगोट खाने के लिए फ्रांस की यात्रा करते हैं। कौर बताती हैं कि "नानक और तारा की यात्रा लोगों के बीच मतभेदों और समानताओं का पता लगाने के लिए जारी है"।

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जमील कौर सिंह अपने पिता दिया सिंह के साथ बचपन से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों की यात्रा कर चुकी हैं। वह कहती हैं कि छोटी उम्र से ही उन्हें और उनकी बहनों में सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सम्मान के मूल्यों की जानकारी है, इस सब का श्रेय वह अपने माता- पिता को देती हैं। उन्होंने कहा- "मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानती हूं जो अपनी संस्कृति को भला चुके हैं।इस पुस्तक श्रृंखला का उद्देश्य सांस्कृतिक समझ पैदा करना है"।
 

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