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Indra Nooyi ने यूं बदला PepsiCo का चेहरा, कभी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर करती थीं काम

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 16 Feb, 2024 12:26 PM
Indra Nooyi ने यूं बदला PepsiCo का चेहरा, कभी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर करती थीं काम

एक शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला अपनी प्रतिभा के दम पर पूरी दुनिया अपनी मुट्ठी में बंद करने की हिम्मत रखती है। कुछ ऐसी ही है Gaint PepsiCo कंपनी की पूर्व CEO और Chairperson  इंद्रा नूई की कहानी। इंद्रा का नाम दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में भी शुमार हो चुका है। आज PepsiCo कंपनी जिस मुकाम पर है, उसे वहां पहुंचाने में इंद्रा का बहुत बड़ा हाथ रहा है।  उन्हें ये कामयाबी यूं ही नहीं मिली। उन्होंने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने मास्टर्स के पढ़ाई के दौरान उन्होंने पैसे कमाने के लिए एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर लेट नाइट ड्यूटी भी की। उन्होंने अपनी जिंदगी की कहानी को 300 पन्नों  की किताब  ‘माई लाइफ इन फुल: वर्क, फैमिली एंड अवर फ्यूचर’’ (My Life in Full: Work Family and Our Future) में भी समेटा है। आइए हम भी जालते हैं इंद्रा की जिंदगी पर एक नजर...

तमिलनाडू से ताल्लुक रखती हैं इंद्रा

इंद्रा का जन्म साल 1955 में भारत के तमिलनाडू में हुआ था। उनके पापा ‘स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद’ में काम करते थे। उन्होंने  मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से केमिस्ट्री में बैचलर्स की डिग्री प्राप्त की है।

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ऐसे हुई करियर की शुरुआत

 ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अपना करियर जॉनसन एंड जॉनसन के साथ शुरू किया और प्रॉडक्ट मेनेजर के तौर पर काम किया। उन्होंने मुंबई में एक कपड़ा कंपनी में भी अपनी सेवआएं दीं। साल 1978 में आगे की पढ़ाई के लिए इंद्रा ने येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (Yale School of Management) में दाखिला लिया । यहां पर पढ़ाई करते हुए उन्होंने एक होटल में नाइट शिफ्ट में रिसेप्‍शनिस्‍ट के तौर पर भी काम किया ताकि वह अपने जॉब इंटरव्यू के लिए पैसे जुटाकर एक वेस्टर्न सूट खरीद सके। साल 1980 में वो बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) में शामिल हुईं, जहां उन्होंने 6 साल कंसल्टेंट के तौर पर काम किया। इसके बाद वह Motorola, Inc., और इंजीनियरिंग कंपनी Asea Brown Boveri (अब ABB) में एग्जीक्यूटिव की पोजिशन पर रहीं।

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1994 में ज्वाइन की PepsiCo 

साल 1994 में उन्हें पेप्सिको का ऑफर मिला। उस समय पेप्सिको का धंधा मंदा ही चल रहा है और इंद्रा ने इस बिखरे कारोबार को संवारने का काम किया। इंद्रा के नेतृत्व में ही कंपनी कोका-कोला को कड़ी टक्कर दे पाई और सफल हुई। बता दें जिस वक्त इंद्रा ने पेप्सिको ऑफर लिया था, इंद्रा की बेटी महज 18 महीने की थी और वो लगातार अपनी मॉम को मिस करती थी, लेकिन ऐसे समय में इंद्रा ने न सिर्फ अपनी बेटी का ख्याल रखा बल्कि कंपनी को नई ऊंचाइयों तक भी पहुंचाया। बता दें वो साल 2018 में सीईओ के पद से रिटायर हो गईं। साल 2019 को उन्होंने पेप्सिको की Chairperson के पद से भी विदा ले ली। PunjabKesari

सफल सीईओ में होती है इंद्रा नुई की गिनती

इंद्रा नूई दुनिया की बेहतरीन सीईओ में गिनी जाती हैं। नूई की लीडरशिप में पेप्सिको का रेवेन्यु हर साल बढ़ा ही है। वहीं कंपनी को आगे ले जाने की इंदिरा की लगभग सभी रणनीतियां सफल रहीं। इंद्रा का नाम दुनिया की सबसे की प्रभावशाली और पावरफुल महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। भारत सरकार की ओर से  उन्हें को साल 2007 में पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 2018 में उन्हें CEOWORLD पत्रिका द्वारा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सीईओ के सम्मान से नवाजा गया। उनका नाम दो बार TIME मैगजीन की 'दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची' में भी आ चुका है। इंद्रा ने साल 2019 में ऐमजॉन के बोर्ड को जॉइन किया था।

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