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बेहद शुभ है पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी, आज व्रत रखने से पितरों को मिलेगा बैकुंठ धाम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 27 Sep, 2024 08:56 AM
बेहद शुभ है पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी, आज व्रत रखने से पितरों को मिलेगा बैकुंठ धाम

नारी डेस्क: आज इंदिरा एकादशी का व्रत है। यह हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ​तिथि को होता है। श्राद्ध पक्ष में पड़ने की वजह से इस एकादशी का एक नाम श्राद्ध एकादशी भी है। मान्‍यताओं के मुताबिक, पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए यह व्रत किया जाता है। माना जाता है कि यदि पूरे विधि-विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाय तो इस व्रत के प्रभाव से पितरों को शांति मिलती है और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

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भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था इंदिरा एकादशी  का महत्व

महाभारत में इस व्रत का जिक्र किया गया है। इस व्रत के महत्‍व के बारे में स्‍वयं कृष्‍ण भगवान ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया जाता है। महाभारत में उल्लेख है कि जब राजा इंद्रसेन से यमराज ने कहा कि उनके पितृ को मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है, तब भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रसेन को इंदिरा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया था। इस व्रत के प्रभाव से उनके पितरों को मोक्ष प्राप्त हुआ। इस व्रत के करने से पारिवारिक सुखऔर पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का अंत होता है।


इंदिरा एकादशी का महत्व

इस एकादशी पर व्रत रखने से पितरों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को असीम पुण्य प्राप्त होता है। यह व्रत सभी पापों को नष्ट करने और आत्मा को पवित्र बनाने में मदद करता है।  यह व्रत न केवल पितरों की मुक्ति के लिए बल्कि व्यक्ति के स्वयं के जीवन में शांति और सुख-समृद्धि लाने के लिए भी किया जाता है। व्रत के साथ भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।

 

इंदिरा एकादशी पर करें ये उपाय

घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करें। यह दिशा भगवान विष्णु की मानी जाती है और इस दिशा में पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। एकादशी के दिन घर को पूरी तरह से साफ करें और शुद्धिकरण करें। गंगा जल का छिड़काव करें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और सकारात्मकता का प्रवाह हो।

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दीपक जलाएं

इस दिन चौमुखी दीपक जलाने का भी महत्व है। सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं। इससे पितृ दोष का नाश होता है और घर में समृद्धि आती है। इस दीपक को चार वेदों का प्रतीक भी माना जाता है। बता दें कि भगवान विष्णु को ही चार वेदों का स्वामी माना जाता है। ऐसे में दीपक जलाने से आपको श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है।

 

तुलसी पूजन

इस दिन तुलसी का पूजन विशेष लाभकारी होता है। वहीं  इंदिरा एकादशी के दिन ज़रूरतमंदों को दान देना अत्यधिक शुभ माना जाता है। अन्न, वस्त्र, और धन का दान पितरों की शांति के लिए किया जा सकता है।

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व्रत को लेकर नियम

इस दिन व्रत रखने वाले को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। दिन भर व्रत रखते हुए भगवान विष्णु और पितरों के लिए हवन और तर्पण करना चाहिए।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि आप किसी वजह से पितृ पक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध न कर पाए हों, तो इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर रखें। क्योंकि इंदिरा एकादशी का व्रत पूर्वजों को श्राद्ध के समान फल देता है तथा इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।
 

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