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प्रैग्नेंसी में लेगी ऐसी डाइट तो मोटापे और डायबिटीज से बचा रहेगा शिशु

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Sep, 2018 12:06 PM
प्रैग्नेंसी में लेगी ऐसी डाइट तो मोटापे और डायबिटीज से बचा रहेगा शिशु

मोटापा टाइप-2 डायबिटीज से लेकर हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर तक का खतरा बढ़ाता है। पुरुष चाहें तो खाने में भरपूर मात्रा में दाल, पालक, चना, अंडा, चिकन, दूध-दही शामिल कर अपनी भावी संतान को मोटापे से महफूज रख सकते हैं। ब्रिटेन स्थित नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है।

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शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रोटीन की कमी शुक्राणुओं की गुणवत्ता प्रभावित करती है। इससे पिता से बच्चे में विकृत जीन जाने का जोखिम बढ़ जाता है। विकृत जीन बच्चे में मोटापे की समस्या पैदा करता है, जो ताउम्र बनी रहती है। यही नहीं, 30 साल की उम्र पार करते-करते ऐसे बच्चों के टाइप-2 डायबिटीज की चपेट में आने की आशंका भी बढ़ जाती है।

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डा. एडम वॉटंकिंस के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चूहों को दो समूहों में बांटा। पहले समूह को 18 फीसदी, जबकि दूसरे समूह को 9 फीसदी प्रोटीन से लैस डाइट दी। विशेषज्ञ स्वस्थ वयस्कों को रोजाना ली जाने वाली कुल कैलोरी का 20 फीसदी हिस्सा प्रोटीन से हासिल करने की नसीहत देते हैं। एक महीने बाद सभी चूहों के शुक्राणुओं के नमूने इकट्ठे किए गए।
 

इस दौरान 9 फीसदी प्रोटीन युक्त डाइट लेने वाले चूहों के शुक्राणु बेहद कमजोर मिले। उनमें ‘सेमिनल प्लाज्मा’ की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी। ‘सेमिनल प्लाज्मा’ वह तरल पदार्थ है, जो अंडाणुओं तक पहुंच कर उन्हें निषेचित करने के सफर में शुक्राणुओं को पोषक तत्व मुहैया कराता है। शोधकर्ताओं ने इन चूहों के शुक्राणुओं से चुहिया को गर्भधारण भी कराया। उनसे जन्मे चूहे न सिर्फ जन्म से ही मोटापे के शिकार मिले बल्कि चार माह में ही डायबिटीज से ग्रस्त हो गए।

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