ऐसी अनेक मांएं हैं जो या तो डिवोर्सी हैं या फिर सैपरेट। उन्हें घर व बच्चे संभालने के साथ-साथ जॉब की भी करनी पड़ती है। खासतौर पर अगर उनकी नाइट शिफ्ट हो तो बच्चे को रातभर अकेला छोड़ना मां के लिए मुश्किल हो जाता है। काम के साथ साथ उसे बच्चे की भी देखभाल करनी पड़ती है। ऐसे में अगर सपोर्ट सिस्टम सही है तो नाइट शिफ्ट में काम करना मुश्किल नहीं होता लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो मां को सही ठंड से प्लानिंग करनी पड़ेगी, ताकि वह आराम से काम कर सके।
एक सिंगल मदर के लिए नाइट शिफ्ट में काम करना मुश्किल नहीं है लेकिन अगर बच्चा छोटा है तो अलग तरीके से संभालना पड़ता है। जब बच्चा 4 साल का हो जाए तो बच्चे को कुछ बातें समझाई जा सकती हैं।
-अगर बच्चा छोटा हो तो सबसे पहले मां को अपना मोबाइल हमेशा फुल चार्ज रखना चाहिए, ताकि जब भी जरूरत हो कॉल करके बच्चे के बारे में जानकारी ली जा सके।
-अगर बच्चा छोटा है तो उसके खान पान की पूरी प्लानिंग पहले से करें और उसे संभालने वाले को उस बारे में पूरी जानकारी दें।
-घर संभालने के लिए अगर परिवार का कोई सदस्य न हो और बाई रखनी है तो उसे किसी जानकार और पुलिस की जांच करवाकर ही रखें क्योंकि कई बार मेड सर्वेंट अपने ब्वायफ्रेंड के साथ चोरी-डकैती या फिर किडनैपिंग को अंजाम देती हैं।
-आप कहां और कब तक घर जा रही हैं जैसी किसी भी बात को सोशल मीडिया पर कभी शेयर न करें क्योंकि सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत लोग हैं जो इसे देखकर चोरी और डकैती करते हैं।
-बच्चे की तस्वीर को भी सोशल मीडिया पर कभी शेयर न करें।
-बच्चे को सिखाएं कि बिना जानकारी के किसी के लिए दरवाजा न खोले।
-बड़े बच्चे को खान-पान से संबंधित जानकारी भी दें, ताकि भूख लगने पर वह कुछ ले या बनाकर खा लें। इसके स्कूल जाने से संबंधित सारी तैयारी पहले से करे रखें।
-मोबाइल में ऑटो डायल की व्यवस्था डाऊनलोड कर लें, ताकि किसी भी समस्या को बच्चा या देखभाल करने वाला मां तक जल्दी पहुंचा सके।
-बड़े बच्चों को फर्स्ट एड बॉक्स के बारे में सही जानकारी दें, ताकि जरूरत के अनुसार वह दवा का इस्तेमाल कर सके। काम के दौरान मां को जब भी समय मिले बच्चे के बारे में जानकारी लेती रहे।
-बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास का भी ध्यान रखें। हमेशा कोशिश करें कि उसके साथ कुछ समय बिताएं ताकि उसकी किसी भी जिज्ञासा की सही जानकारी उसे मिलती रहे और वह अपने रास्ते से भटके नहीं।